Potato Chips and Cold Drink : अक्सर लोगों को चिप्स के पैकेट से शिकायत रहती है कि उसका पैकेट काफी बड़ा होता है और उसमें चिप्स काफी कम होती है. कहा जाता है कि चिप्स जल्दी से खराब ना हो, इसलिए चिप्स के पैकेट में कुछ गैस भरी जाती है. ऐसे ही कोल्ड ड्रिंक का मजा भी गैस से ही होता है. चिप्स का पैकेट हो या फिर कोल्ड ड्रिंक की बोतल, दोनों में ही गैस भरी होती है. 


क्या आपके मन में भी यह सवाल आता है कि चिप्स के पैकेट और कोल्ड ड्रिंक की बोतल में कौनसी गैस होती है. तो आज आपको इस सवाल का जवाब मिलने वाला है खबर को एक बार पूरा पढ़ें. तो समझते हैं आखिर कंपनियां ऐसा क्यों करती हैं? क्या कंपनियां हमारे साथ धोखेबाजी करती है या कोई बड़ी वजह हैं.


चिप्स के पैकेट में होती यह गैस


चिप्स के पैकेट को जब खोलते है तो अंदर हवा भरी रहती है. गैस की महक चिप्स की महक मे खो जाती है और पैकट खोलने पर गैस की नहीं चिप्स की महक बाहर आती है. अब बात करते हैं कि ये कौनसी गैस होती है. ये नाइट्रोजन गैस होती है. चिप्स आदि के पैकेट में नाइट्रोजन गैस भरी होती है, जिससे चिप्स टूटते नहीं है और ट्रांसपोर्टेशन में आसानी होती है. नाइट्रोजन से ज्यादा लंबे समय तक चिप्स क्रिस्पी बने रहते है. इस गैस से बैकटीरिया वगैरह पैदा होने का खतरा कम रहता है.


कोल्ड ड्रिंक में कौनसी गैस होती है?


वहीं, कोल्ड ड्रिंक में कार्बन डाइऑक्साइड गैस मिलाई जाती है. जिसकी वजह से कोल्ड ड्रिंक में बबल्स यानी झाग निकलते है. कार्बन डाइऑक्साइड गैस को कोल्ड ड्रिंक में दाब देकर मिलाया जाता है, जिसकी वजह से कोल्ड ड्रिंक का ढक्कन खोलते ही झाग वापस आते है.


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