False Marriage Promises: अगर कोई आदमी शादी का झूठा वादा करके किसी महिला से संबंध बनाता है और महिला गर्भवती हो जाती है तो महिला और बच्चे के अधिकारों के लिए एक बड़ा कानून है. यह ध्यान रखना जरूरी है कि किसी को भी उसकी मर्जी के खिलाफ शादी करने के लिए जबरदस्ती मजबूर नहीं किया जा सकता लेकिन अदालत में मामला कैसे पेश किया जाता है और साबित होता है, उसके आधार पर आरोपी को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है. आज हम जानेंगे कि इस मामले में दोषी को क्या सजा मिलती है और मुकदमा किन धाराओं में दर्ज होगा. 

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भारतीय न्याय संहिता का सेक्शन 69 

ऐसे मामलों में मुख्य कानूनी प्रावधान भारतीय न्याय संहिता का सेक्शन 69 है. इस सेक्शन को उन मामलों से जोड़ा गया है जिनमें कोई आदमी शादी का झूठा वादा करके किसी महिला से शारीरिक संबंध बनाता है और धोखाधड़ी करता है. इसके तहत दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की जेल, जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं. आपको बता दें कि यह सेक्शन काफी केस को कवर करता है. इसमें नौकरी, प्रमोशन के झूठे वादे या अपनी पहचान छुपा कर शारीरिक संबंध बनाने के मामले भी शामिल हैं. 

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अन्य लागू कानूनी प्रावधान 

अगर महिला को इन हालातो में गर्भपात करना पड़ता है तो भारतीय न्याय संहिता के सेक्शन 88 या 89 को लागू किया जा सकता है.  आपराधिक कार्रवाई के अलावा कानून में कई और उपाय भी हैं. जैसे महिला भरण पोषण के लिए कानूनी कार्रवाई कर सकती है और खुद और बच्चे के लिए आर्थिक मदद भी मांग सकती है. अदालतों में भरण पोषण के लिए लिव इन रिलेशनशिप को भी शादी के बराबर ही माना जा सकता है ताकि महिला और बच्चे को आर्थिक रूप से परेशानी ना हो.

कानूनी प्रक्रिया 

यह प्रक्रिया महिला द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज करने से शुरू होती है. इसके बाद आपराधिक जांच शुरू की जाती है. अगर जांच में आरोपी दोषी पाया जाता है तो उसे सेक्शन 69 और बाकी प्रावधानों के बेस पर सजा दी जा सकती है. इसी के साथ महिला अपने और बच्चे के लिए आर्थिक मदद और धोखाधड़ी से हुई मानसिक और भावनात्मक नुकसान के मुआवजे के लिए सिविल कोर्ट भी जा सकती है.

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