भारत में सरकारी नौकरी का आकर्षण सिर्फ स्थिरता में नहीं, बल्कि उस शानदार सैलरी स्ट्रक्चर में भी छिपा है, जो देखने में जितना सरल लगे, असल में उतना ही तकनीकी है. अक्सर लोग पे-स्केल और इन-हैंड सैलरी को एक ही मान लेते हैं, जबकि दोनों के बीच एक बड़ा फर्क होता है. पे-स्केल सिर्फ एक रेंज बताता है कि सैलरी कहां से शुरू होगी और अधिकतम कितनी तक पहुंच सकती है, लेकिन असली कमाई इससे कहीं आगे बढ़कर होती है, क्योंकि सरकार बेसिक पे के ऊपर कई भत्ते जोड़ती है जो कुल इनकम को कई गुना बढ़ा देते हैं.

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पे-स्केल तय कैसे होता है?

सरकारी कर्मचारियों की सैलरी सीधे सरकार नहीं बनाती, बल्कि इसके लिए एक अलग कमेटी होती है. पे कमीशन जिसकी सिफारिशों के आधार पर वेतन तय किया जाता है. इस समय सभी सरकारी कर्मचारियों को 7th Pay Commission के हिसाब से सैलरी मिलती है. यह पे-स्केल कई कारकों पर आधारित होता है-

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• कर्मचारी का पद• काम की जिम्मेदारी• उसकी योग्यता और अनुभव• किस विभाग में नौकरी है

इन सभी के आधार पर पे-लेवल तय होता है- जैसे Level 1, Level 3, Level 6, Level 10, Level 12. हर लेवल की एक तय सैलरी रेंज होती है. 

कुछ प्रमुख लेवल का सैलरी स्ट्रक्चर

Level 1 (चपरासी, हेल्पर आदि): 18,000-56,900 रुपये

Level 3 (क्लर्क, असिस्टेंट आदि): 21,700-69,100 रुपये

Level 4 (LDC, स्टेनो): 25,500-81,100 रुपये

यहीं लोग अक्सर भ्रमित हो जाते हैं, क्योंकि यह तो सिर्फ रेंज है, असली कमाई नहीं है. तो फिर पे-स्केल 25 हजार का होते हुए भी इन-हैंड 70–80 हजार कैसे मिलते हैं? इस राज की चाबी छिपी है भत्तों में, जो बेसिक सैलरी के ऊपर लगाए जाते हैं और कई बार ये बेसिक सैलरी से अधिक रकम तक पहुंच जाते हैं. 

सैलरी को कई गुना बढ़ाने वाले प्रमुख भत्ते

DA- महंगाई भत्ता

यह बेसिक सैलरी का 50% या उससे भी ज्यादा हो सकता है. इस समय अधिकतर सरकारी कर्मचारियों का DA 50–60% के आसपास है.

HRA- मकान किराया भत्ता

यह शहर अनुसार 9% से लेकर 27% तक दिया जाता है. मेट्रो शहरों में यह सबसे ज्यादा होता है.

TA- ट्रांसपोर्ट अलाउंस

नौकरी की पोस्ट और लोकेशन के हिसाब से तय होता है.

Medical Facility

हर सरकारी कर्मचारी और परिवार को मेडिकल कवरेज मिलता है, जिसकी अलग लागत जोड़ने पर सैलरी का मूल्य और बढ़ जाता है.

Pension / NPS / PF योगदाननौकरी के दौरान और सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक सुरक्षा देता है।

एक सामान्य उदाहरण

अगर किसी कर्मचारी की बेसिक पे 25,500 रुपये है तो-• DA (50%) = 12,750 रुपये• HRA (18%) = 4,590 रुपये• TA + अन्य = 5,000 रुपये के आसपास

कुल इनकम लगभग = 47,000- 55,000 रुपये होती है. और कई विभागों में स्पेशल अलाउंस मिलकर यह 70–80 हजार तक भी पहुंच जाता है. 

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