Dhaula Kuan Name Interesting Story: दिल्ली के दिल में बसे कई इलाके अपनी भीड़, महत्व और इतिहास के लिए जाने जाते हैं. इन्हीं में से एक है धौला कुआं, जो राजधानी का बेहद अहम जंक्शन माना जाता है. इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट जाने का मुख्य मार्ग, दिल्ली को आपस में जोड़ने वाली रिंग रोड और राष्ट्रीय राजमार्ग-8 (NH-8) का अहम हिस्सा यहीं से गुजरता है.
यही नहीं, यह इलाका दिल्ली को गुरुग्राम, जयपुर, अजमेर और मुंबई जैसे बड़े शहरों से भी जोड़ता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस जगह का नाम आखिर ‘धौला कुआं’ क्यों पड़ा? चलिए जानें.
क्या है इस नाम का रहस्य
इतिहासकारों की मानें तो इस इलाके में पहले एक कुआं मौजूद था, जिसे सफेद मिट्टी से बनाया गया था. अंदर झांकने पर भी यह कुआं सफेद ही दिखाई देता था. यही वजह है कि इसे धौला कुआं कहा जाने लगा. कहा जाता है कि इस कुएं का निर्माण मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय के आदेश पर हुआ था. आज भी उस कुएं का अस्तित्व एयरपोर्ट जाने वाली सड़क के पास बने एक गार्डन में देखा जा सकता है. दिल्ली विकास प्राधिकरण ने इसे सुरक्षित रखने के लिए जाल से ढंक दिया है और यहां सिंचाई के लिए पंप भी लगाया गया है.
ट्रैफिक की पहचान और फ्लाईओवर की कहानी
धौला कुआं केवल नाम की वजह से ही खास नहीं है, बल्कि दिल्लीवासियों की रोजमर्रा की जिंदगी में इसकी अहमियत और भी बढ़ जाती है. यह इलाका हमेशा से ट्रैफिक जाम के लिए बदनाम रहा है. इसी समस्या से निपटने के लिए 1990 और 2000 के दशक में यहां एक अनोखा फ्लाईओवर और अंडरपास बनाया गया था. इसका डिजाइन अंग्रेजी के अंक 8 जैसा है, जो देखने में इनफिनिटी से मिलता-जुलता है. इस निर्माण से ट्रैफिक जाम में काफी राहत मिली और धौला कुआं दिल्ली के सबसे व्यस्त लेकिन महत्वपूर्ण ट्रांजिट प्वाइंट्स में शुमार हो गया.
आधुनिक दिल्ली से जुड़ाव
आज धौला कुआं को सिर्फ ट्रैफिक या ऐतिहासिक कुएं के लिए ही नहीं जाना जाता. यहां का मेट्रो स्टेशन दिल्ली मेट्रो की एयरपोर्ट लाइन का अहम हिस्सा है. यह इलाका चाणक्यपुरी और दिल्ली कैंट जैसे महत्वपूर्ण स्थलों से भी सटा हुआ है.
आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी का केंद्र
धौला कुआं सिर्फ एक ट्रैफिक जंक्शन नहीं बल्कि इतिहास और आधुनिकता का संगम है. सफेद मिट्टी से बने कुएं से निकला यह नाम आज भी अपनी पहचान बनाए हुए है. जहां एक ओर यह दिल्ली के इतिहास से जुड़ा है, वहीं दूसरी ओर यह आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी का केंद्र भी बन चुका है.
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