देशभर में भीषण गर्मी पड़ रही है. गर्मी बढ़ने के साथ ही अधिकांश लोग पसीने और पसीने से होने वाली बदबू से परेशान हैं. खासकर गर्मी में अधिकांश लोग डियोडरेंट का इस्तेमाल करते हैं. जिससे घर,ऑफिस या कहीं बाहर भी वो खुद को फ्रेश फील करें. लेकिन क्या आप जानते हैं कि परफ्यूम और डियोडरेंट दोनों अलग-अलग प्रोडक्ट है. जानिए इन दोनों में क्या बेसिक अंतर है और इस्तेमाल के लिए कौन सा ज्यादा अच्छा है 


परफ्यूम और डियोडरेंट


बता दें कि डियोडरेंट ओर परफ्यूम में सबसे बड़ा अतंर परफ्यूम एसेंस का है. जहां एक तरफ परफ्यूम में परफ्यूम एसेंस 25 प्रतिशत तक होता है, वहीं दूसरी ओर डियोडरेंट में परफ्यूम एसेंस मात्र 1-2 फीसदी तक ही होता है. इसी वजह से डियोडरेंट की तुलना में परफ्यूम की खुशबू ज्यादा हार्ड होती है. यही कारण है कि परफ्यूम एसेंस ज़्यादा होने की वजह से परफ्यूम न सिर्फ डियोडरेंट की तुलना में हार्ड होता है, बल्कि खुशबू के मामले में लॉन्ग लास्टिंग भी होता है. जहां डियोडरेंट की फ्रेगनेन्स 4 घंटों से अधिक नहीं टिक पाती है, वहीं परफ्यूम की खुशबू लगभग 12 घंटों तक बरकरार रहती है. कुछ कंपनियों के परफ्यूम इससे ज्यादा समय तक भी खुशबू फैलाते हैं.  


परफ्यूम


बता दें कि परफ्यूम की खुशबू बहुत अच्छी होती है. ये लंबे समय तक बरकरार रहती है. लेकिन ये बॉडी में पसीना होने पर बेअसर हो जाती है. इससे आपको फ्रेश फील नहीं होता है. हालांकि इसकी खूशबू फिर भी बरकरार रहती है. बता दें कि परफ्यूम में भारी मात्रा में कॉन्संट्रेट रहता है. ऐसे में इसे डायरेक्ट स्किन पर स्प्रे नहीं करना चाहिए. इसलिए आपने देखा होगा कि अधिकांश लोग परफ्यूम हमेशा बालों और कपड़ों पर ही स्प्रे करते हैं. 


डियोडरेंट


वहीं डियोडरेंट में एंटी-पर्सपरेंट नाम का एक पदार्थ मौजूद होता है. जिसका कारण ये शरीर के पसीने को सोखकर त्वचा को चिपचिपा होने से रोकता है. वहीं आप लंबे समय तक फ्रेश फील कर पाते हैं. डियोडरेंट में कॉन्संट्रेशन की मात्रा कम होती है, इसलिए डियोडरेंट की खुशबू स्किन पर ज्यादा देर तक टिकती है. यही कारण है कि डियोडरेंट को स्क्रीन पर स्प्रे किया जाता है. बता दें कि डियोडरेंट ओर परफ्यूम के बीच कीमत का भी एक बड़ा अंतर रहता है. आमतौर पर डियोडरेंट काफी कम दामों पर मिल जाते हैं. लेकिन अच्छे कंपनी के परफ्यूम काफी महंगे होते हैं.


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