शरीर में आत्मा का भार कितना होता होगा ये सवाल शायद आपके दिमाग में आया होगा, लेकिन इसका जवाब किसी के पास नहीं हैै. ऐसे में एक डॉक्टर ने इसपर रिसर्च कर डाली कि आखिर शरीर में आत्मा का वजन कितना रहा होगा. जिसके लिए उसने एक खास प्रयोग किया. जिसे जानकर शायद आप भी हैरान रह जाएं.


कैसे आया आइडिया?
शरीर में आत्मा का वजन कितना होगा ये सवाल अमेरिका के बॉस्टन शहर में रहने वाले डॉक्टर डंकन मैकडॉगल के दिमाग में भी था. दरअसल उनका ये तर्क कुछ ये था कि इंसान जिंदा होता है और मर जाता है. यानी कोई न कोई ऐसी चीज होती है जो इंसान को जिंदा रखती है और मौत के बाद वो शरीर से खत्म हो जाती होगी. अगर ये चीज शरीर में होती है. तो ये कुछ जगह जरूर घेरती होगी. वहीं इसका भार भी होता होगा. यानी अगर कोशिश की जाए, तो ये 'चीज' जो इंसान को जिंदा रखती है. उसका भार भी जरूर मापा जा सकता है.


कितना होता है शरीर में आत्मा का वजन?
डंकन ने इसकी रिसर्च करने के लिए बहुत स्पेशल आइडिया निकाला. दरअसल वो जिस अस्पताल में काम करते थे वहां बहुत से लोगों की मौत होती थी. ऐसे में उन्होंने सोचा कि मौत सेे पहले और मौत के बाद लोगों के शरीर का वजन मापा जाए तो कुछ अंतर तो जरूर आना चाहिए. 


ऐसे में उन्होंने ट्यूबरक्लोसिस बीमारी से पीड़ित कुछ मरीजों को चुना. दरअसल टीबी के मरीजों का वजन बीमारी के आखिरी के दिनों में बेहद कम हो जाता है. ऐसे में डंकन का मानना था कि बीमारी से मरने से पहलेे और मरने के बाद वजन में जो अंतर आएगा वो आत्मा का वजन होगा. क्योंकि आत्मा बेहद सूक्ष्म होगी और उसका वजन भी काफी कम ही होगा.


तैयार करवाया खास तराजू
डंकन ने इस एक्सपेरिमेंट के लिए खास तरह का तराजू भा तैयार करवाया. जिसके एक पाले में मरीज को लेटाया गया और तराजू को कैलिब्रैैट किया गया. ताकि एक आउंस का अंतर भी पता लगाया जा सके. इसका पहला एक्सपेरिमेंट साल 1901 में 10 अंप्रैल को हुआ. जब मरीज के मरने के तुरंत बाद उसमें 28 ग्राम का अंतर देखा गया. उस समय हल्ला हो गया कि आत्मा का वजन 28 ग्राम होता है. उन्होंने एक के बाद एक इस तरह के 6 एक्सपेरिमेंट किए. 


जिसके बाद 'जर्नल ऑफ़ द अमरीकन सोसायटी फ़ॉर साइकिक रीसर्च' में छपी रिसर्च में उन्होंने दावा किया कि "इंसान जब आख़िरी सांस लेता है, उसका वजन आधे से सवा आउंस कम हो जाता है. ऐसा लगता है मानो उसके शरीर से कोई चीज बाहर आ गई हो". एक आउंस मतलब 28 ग्राम होता है. ऐसे में मान लिया गया कि इंसान के शरीर सेे आत्मा जैसी कोई चीज उसके मरने के बाद बाहर निकलती है, जिससे उसके वजन में 
अंतर आता है.             


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