Organ Donation: हमारे देश में इंसान के कल्याण और सुख के लिए लोगों द्वारा किए गए त्याग और बलिदान की अनेक कहानियां सुनाई जाती है. समाज और लोगों के जीवन की रक्षा के लिए अपने अंगदान की महर्षि दधीचि से संबंधित पौराणिक कथा बहुत से लोगों ने सुनी होगी.


आज के समय में भी अनगिनत लोग ऐसे हैं जो अपने अंगों का दान कर लोगों की जिंदगियां बचा रहे हैं. अपने इस आर्टिकल में हम अंगदान की प्रक्रिया के साथ ही इसके जरिए शरीर के कितने और कौन से अंगों को दान में दिया जा सकता है इसकी जानकारी देंगे-


अगस्त के दूसरे सप्ताह में मनाया जाता है 'विश्व अंगदान दिवस'


हर साल अगस्त के दूसरे सप्ताह में 'विश्व अंगदान दिवस' मनाया जाता है. बहुत से लोगों द्वारा अंगदान किया जाता है, लेकिन फिर भी इसको लेकर लोगों में कम जागरूकता है. हालांकि बहुत से माध्यमोें द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है.


करीब 50 लोगों को अंगदान से दिया जा सकता है जीवन


मृत्यु जीवन का ऐसा सत्य है जिसे कोई बदल नहीं सकता है. लेकिन यह जानकर आपको हैरानी होगी की एक व्यक्ति द्वारा अपने शरीर के अंगदान से करीब 50 लोगों को जीवन दे सकता है. आज के दौर में जब दुनियां में सबको अपने हित और फायदे के अलावा किसी के दुख-दर्द की चिंता नहीं होती है,तब ऐसे लोग भी हैं जो किसी बीमारी या अन्य वजह से अपने खास अंगों को खो देते हैं या खराब हो जाते हैं.


ऐसे में समाज कल्याण और लोगों को नया जीवन देने की सोच के साथ बहुत से स्वस्थ लोग अपने जीते जी या मृत्यु के बाद अपने अंगदान के द्वारा लोगों की जिंदगियां बचाते हैं.


शरीर के किस हिस्से और अंगों को किया जा सकता है दान


हम शरीर के अंगों और ऊतकों को दान कर सकते हैं. शरीर के अंगों के अंतर्गत यकृत, गुर्दे, अग्नाशय, हृदय,फेफड़े और आंत का दान किया जाता है. जबकि शरीर के ऊतकों में कॉर्निया(आंख का भाग), हड्डी, त्वचा, हृदय वाल्व, रक्त वाहिकाएं, नस, कण्डरा और कुछ अन्य ऊतकों को भी दान किया जा सकता है.


अंगदान किस प्रकार से होता है


अंगदान दो प्रकार से होता है,पहला जीवित अंगदान और दूसरा मृत्यु के बाद अंगदान. अंगदान के लिए लोग वसीयत लिखते हैं कि उनके मृत्यु के बाद उनके शरीर का कौन-कौन सा हिस्सा दान किया जायेगा.
जीवित अंगदान में जीवित रहने के दौरान ही शरीर के कुछ अंगों को दान किया जा सकता है.


जिसमें एक गुर्दा किसी को दान दिया जा सकता है. इसके अलावा अग्न्याशय का हिस्सा और लीवर का हिस्सा क्योंकि लीवर समय के साथ फिर से बन विकसित हो जाएगा. मृत्यु के बाद अंगदान में आँख,किडनी,लीवर,फेफड़ा,ह्रदय,पैंक्रियाज और आंत का अंगदान किया जा सकता है.


अंगदान के लिए उम्र की सीमा


यह इस बात पर निर्भर करती है की अंगदान जीवन के समय या मृत्यु के बाद किया जा रहा है. हालाँकि अंगदान में सिर्फ उम्र ही नहीं बल्कि शरीर का स्वस्थ होना भी जरूरी है.


18 साल का कोई भी व्यक्ति जो स्वस्थ हो अंगदान कर सकता है लेकिन शरीर के अलग अलग अंग के लिए अलग अलग उम्र सीमा होती है, जो डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही दान किया जा सकता है.


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