VIP Darshan Temples: मंदिर में लाखों श्रद्धालु भगवान का आशीर्वाद पाने के लिए आते हैं. हालांकि, हर व्यक्ति के लिए भगवान के दर्शन करने का एक जैसा अनुभव बिल्कुल नहीं होता. ऐसा इसलिए है क्योंकि वीआईपी दर्शन नाम की एक सुविधा तेजी से लोकप्रिय हो रही है. यह राजनेताओं और बड़ी हस्तियों के साथ बड़े दानदाताओं द्वारा ज्यादा पैसे देकर लंबी लाइन से बचकर सीधे दर्शन करने की सुविधा देती है. यह सुविधा कई मंदिरों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण साधन भी बन चुकी है.
क्या होता है वीआईपी दर्शन
वीआईपी दर्शन के जरिए लोग तीर्थ यात्रा के दौरान प्रसिद्ध मंदिरों में लगने वाली लंबी लाइनों से बचकर सीधे दर्शन कर सकते हैं. वीआईपी भक्तों को एक अलग प्रवेश द्वार या फिर रास्ते से ले जा कर तेज और ज्यादा आरामदायक अनुभव के साथ मंदिर में सीधा पहुंचाया जाता है. इस सुविधा के लिए मंदिरों द्वारा एक विशेष पास या फिर टिकट जारी किया जाता है. इन पास और टिकट का एक निश्चित शुल्क होता है. आपको बता दें कि इन वीआईपी दर्शन के लिए हर मंदिर में अलग-अलग शुल्क होता है. यह यात्रा के समय और दिन पर भी निर्भर करती है.
वीआईपी दर्शन शुल्क
तिरुमाला बालाजी मंदिर में वीआईपी दर्शन का शुल्क प्रति व्यक्ति 500 से 10000 रुपए तक है. इससे मिली कमाई का इस्तेमाल मंदिर के बुनियादी ढांचे के रखरखाव, नवीनीकरण और विकास के लिए किया जाता है. ठीक इसी तरह वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में भी वीआईपी शुल्क हर व्यक्ति 500 रुपए है. आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश स्थित माता चिंतपूर्णी मंदिर सुगम दर्शन प्रणाली का संचालन करता है. यहां वीआईपी दर्शन का शुल्क 1100 रुपए है, लेकिन इस पर्ची में ज्यादा से ज्यादा पांच श्रद्धालु दर्शन कर सकते हैं. इसी के साथ ज्यादा भीड़ वाले दिनों में 500 रुपए की एक और पर्ची की जरूरत होती है. यह मंदिर के लिए आय में वृद्धि करती है. इसके जरिए मात्र 100 दिनों के अंदर ही मंदिर ने लगभग एक करोड़ रुपए की कमाई की थी.
मंदिर के आय के जरिए
वीआईपी दर्शन मंदिरों की आय का एक बड़ा स्रोत है. लेकिन सिर्फ यह ही एकमात्र योगदानकर्ता नहीं है. मंदिर में दिया जाने वाला चढ़ावा और दान मंदिर की आय में अच्छी खासी बढ़ोतरी करता है. आपको बता दें कि अयोध्या के राम मंदिर ने पिछले 5 सालों में लगभग 400 करोड़ टैक्स के तौर पर दिए हैं. इसी के साथ तिरुमाला मंदिर, जिसे भारत का सबसे धनी मंदिर भी कहा जाता है, ने 2014 में 700 करोड़ रुपए कमाए थे. इस आय में वीआईपी दर्शन का काफी बड़ा योगदान था. इसी कड़ी में एक उदाहरण वैष्णो देवी मंदिर का भी है. इस मंदिर ने पिछले पांच सालों में लगभग 130 करोड़ रुपए का जीएसटी भुगतान किया है.
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