अमेरिका और रूस दुनिया की दो बड़ी महाशक्तियां हैं, जिनके बीच अक्सर तनातनी बनी रहती है. दोनों देशों और उनके नेताओं के रिश्तों में खटास कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार हालात कुछ अलग नजर आ रहे हैं. दरअसल, 15 अगस्त को अमेरिका के अलास्का में बड़ी मुलाकात होने जा रही है, इस मुलाकात में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आमने-सामने होंगे. इस मीटिंग पर पूरी दुनिया की नजर है, क्योंकि दोनों नेता यूक्रेन युद्ध को खत्म करने पर बातचीत करेंगे.

इस मीटिंग के बीच में सबसे ज्यादा चर्चा दोनों की सुरक्षा को लेकर हो रही है. माना जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान पुतिन और ट्रंप दोनों के लिए स्पेशल सिक्योरिटी टीम, स्नाइपर्स, सीक्रेट सर्विस एजेंट और मॉडर्न टेक्नॉलजी का इस्तेमाल होगा, ताकि जरा सी भी चूक न हो. चलिए इस बारे में विस्तार से समझें.

विदेश में कैसे होती है पुतिन की सुरक्षा

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सुरक्षा दुनिया में सबसे कड़ी मानी जाती है, खासतौर से तब जब वे किसी विदेशी दौरे पर होते हैं. उस दौरान उनकी सुरक्षा को चार लेयर में बांट दिया जाता है. पुतिन की सुरक्षा का पहला और सबसे करीबी घेरा उनके पर्सनल गार्ड्स का होता है, जो हमेशा उनके आसपास रहते हैं. दूसरे घेरे में वो गार्ड्स होते हैं, जो कि लोगों की नजरों से दूर, छिपकर सुरक्षा पर नजर रखते हैं. 

वहीं तीसरे घेरे में वे लोग शामिल होते हैं जो भीड़ को कंट्रोल करते हैं और किसी भी संदिग्ध को राष्ट्रपति तक पहुंचने से रोकते हैं. चौथा और सबसे दूर वाले घेरे में शार्प स्नाइपर्स शामिल होते हैं, जो किसी भी तरह के खतरे को भांप लेने पर उसे एक शॉट में खत्म कर सकते हैं.

जरा भी खतरा होने पर तुरंत एक्शन लेती है पुतिन की सिक्योरिटी

रूस के नेशनल गार्ड्स की देखरेख में पुतिन पूरी तरह सुरक्षित रहते हैं. पुतिन की सुरक्षा हर तरीके से की जाती है. इस दौरान उनके खाने-पीने की हर चीज पहले टेस्ट की जाती है, ताकि खाने को लेकर पुतिन को कोई खतरा न हो. किसी विदेशी नेता से मुलाकात के दौरान अगर पुतिन को किसी भी तरह का जरा भी खतरा महसूस होता है, तो वो अपने गार्ड्स को खास तरीके से इशारे करते हैं, जिससे सिक्योरिटी तुरंत एक्शन में आ जाती है.

डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा सबसे ज्यादा चर्चा में रहती है. ट्रंप की सिक्योरिटी को दुनिया में सबसे मजबूत और हाई-टेक माना जाता है. जैसे ही कोई व्यक्ति अमेरिका का राष्ट्रपति बनता है तो उसकी जान की हिफाजत को राष्ट्रीय सुरक्षा का हिस्सा माना जाता है. इसीलिए राष्ट्रपति ट्रंप की सुरक्षा का जिम्मा अमेरिका की सबसे अनुभवी एजेंसी यू.एस. सीक्रेट सर्विस के पास होता है, जो 24 घंटे और 365 दिन उनकी सुरक्षा करती है, फिर चाहे ट्रंप व्हाइट हाउस में हों, विदेश यात्रा पर हों या किसी चुनावी रैली में. ये हमेशा ट्रंप के साथ होती हैं.

खतरा होने पर तुरंत एक्शन में आ जाती है टीम

ट्रंप की सुरक्षा में सबसे अहम होती है Presidential Protective Division. ये ऐसे एजेंट्स होते हैं जो हर वक्त राष्ट्रपति के बेहद करीब रहते हैं. इन सभी के पास अत्याधुनिक हथियार, बॉडी आर्मर और खास रेस्क्यू ट्रेनिंग होती है, जिससे कि कोई भी खतरा महसूस होने पर तुरंत एक्शन लिया जा सके. 

अगर कभी राष्ट्रपति पर हमले का खतरा महसूस होता है, तो Counter Assault Team मैदान में उतरती है. इस टीम के कमांडो बेहद तेज और कुशल होते हैं. इनका मिशन राष्ट्रपति को सुरक्षित जगह पहुंचाना और हमलावरों को तुरंत खत्म करना होता है. 

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