ज्यादातर भारतीय घरों में पूजा के वक्त अगरबत्ति जलाई जाती है. इससे घर में खुशबू भी फैलती है और पॉजीटिव एनर्जी का एहसास भी होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये अगरबत्तियां आती कहां से हैं. ऐसे तो भारत में बिकने वाली ज्यादातर अगरबत्तियां यहीं के फैक्ट्रियों में बनाई जाती हैं. लेकिन भारत का एक ऐसा पड़ोसी देश भी है जहां अगरबत्तियों का एक गांव है. चलिए आज आपको इस गांव के बारे में बताते हैं और ये भी बताते हैं कि कैसे सिर्फ अगरबत्तियों की वजह से ये गांव आर्थिक रूप से मजबूत बन रहा है.


कहां है ये गांव


हम अगरबत्तियों के जिस गांव की बात कर रहे हैं वो वियतनाम में है. इस गांव का नाम है कांग फू चाउ गांव. इस गांव में जब आप जाएंगे तो आपको हर तरफ सिर्फ रंग-बिरंगी अगरबत्तियां देखने को मिलेंगी. ये अगरबत्तियां गांव की सुंदरता बढ़ाने के साथ-साथ वहां के लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत भी बना रही हैं. इसके अलावा ये रंग बिरंगी अगरबत्तियां दूर दराज के पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं.


लाल, हरी, पीली अगरबत्तियां


भारतीय घरों में जो अगरबत्तियां जलाई जाती हैं उनका रंग अक्सर काला होता है. लेकिन वियतनाम के इस खास गांव में जो अगरबत्तियां जलाई जाती हैं वो रंग बिरंगी होती हैं. इसमें तीन रंग ज्यादा है. लाला, हरा और पीला. दरअसल, वियतनाम में इन रंगों की अगरबत्तियों का चलन शुरू से है. इसलिए यहां ये अगरबत्तियां खूब बिकती हैं. यहां आपको ज्यादातर घरों के बाहर खाली जमीनों पर इन अगरबत्तियों का गुच्छा सूखता मिल जाएगा.


सेल्फी के लिए पैसे


जर्मन न्यूज वेबसाइट डीडब्लू की रिपोर्ट के मुताबिक, इस गांव के लोग इन रंग बिरंगी अगरबत्तियों से तो पैसा कमा ही रहे हैं लेकिन वो पर्यटकों से भी मोटा पैसा कमा रहे हैं. खासतौर से जो पर्यटक इन अगरबत्तियों के साथ सेल्फी लेना चाहते हैं उनसे यहां के लोग एक तय रकम लेते हैं. ये रकम 50,000 डॉन्ग होती है. भारतीय रुपये में इसे बदलें तो ये तकरीबन 170 रुपये होगा. हालांकि, यहां बिकने वाली अगरबत्तियों की कीमत बहुत कम होती है. यही वजह है कि जो पर्यटक यहां घूमने जाते हैं वो अपने साथ ढेर सारी अगरबत्तियां भी खरीद कर ले जाते हैं.


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