किसी भी राज्य में सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होती है. किसी भी तरह की समस्या आने पर हम सबसे पहले पुलिस को ही सूचना देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पुलिस विभाग में सिपाही से लेकर डीजीपी तक की सैलरी कितनी होती है. आज हम आपको बताएंगे कि एक पुलिस अधिकारी कितनी सैलरी होती है. 


यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल की सैलरी


किसी भी राज्य पुलिस के सिपाही और पुलिस अधिकारी की सैलरी राज्य सरकार पर निर्भर करती है. उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस में कॉन्स्टेबल का वेतन पे बैंड 5200 से लेकर 20,200, ग्रेड पे 2000 और नए वेतनमान में पे मैट्रिक्स 21,700 रुपये के अनुसार मिलता है. इसे ऐसे समझें कि बेसिक पे 21,700 रुपये होता है. इसके अलावा मकान एचआरए, टीए, डीए समेत कई प्रकार का भत्ता मिलाकर एक यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल की शुरुआती सैलरी (इन हैंड) लगभग 30 हजार रुपये से ज्यादा होती है. वहीं समय के साथ वेतन में बढ़ोतरी और यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल प्रमोशन के साथ अधिकतम सैलरी 69,100 रुपये बेसिक पे तक जा सकती है. 


सीओ और एसएचओ की सैलरी


स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) और सर्किल ऑफिसर (सीओ) की सैलरी 56,100-1,77,500 रुपये है. जबकि एसएचओ का पे स्केल यूपी में 24000- 80400/- रुपये है.


एसपी और डीएसपी 


एसपी की सैलरी की बात करें तो इस पोस्ट में बेसिक सैलरी लगभग 78,800 रूपए तक होती है. वहीं भत्तों को मिलाकर यह एक लाख से भी ऊपर पहुंच जाती है. वहीं एक डीएसपी की बेसिक सैलरी तकरीबन 73,915 रूपए तक हो सकती है, वहीं अन्य भत्तों के साथ यह भी एक लाख तक पहुंच सकती है. दोनों पदों पर मिलने वाली सुविधाओं की बात करें तो, एसपी और डीएसपी दोनों को सरकारी आवास, गार्ड, सरकारी वाहन, कुक माली समेत निजी स्टाफ और सुरक्षा के लिए पर्सनल सिक्योरिटी गार्ड मुहैया कराए जाते हैं.


पुलिस उप महानिरीक्षक


 पुलिस उप महानिरीक्षक को 1,31,100 वेतन मिलता है. इसके अलावा इन्हें भी सरकारी आवास, गार्ड, सरकारी वाहन, कुक माली समेत निजी स्टाफ और सुरक्षा के लिए पर्सनल सिक्योरिटी गार्ड मिलते हैं.


पुलिस महानिरीक्षक (आईजी)


राज्य के पुलिस महानिरीक्षक को 1,44,200 वेतन मिलता है. इसके अलावा इन्हें भी सरकारी आवास, गार्ड, सरकारी वाहन, कुक माली समेत निजी स्टाफ और सुरक्षा के लिए पर्सनल सिक्योरिटी गार्ड मिलते हैं.


पुलिस महानिदेशक (डीजीपी)


राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को 2,05,400 सैलरी मिलती है. इसके अलावा इन्हें पूरी सुरक्षा के साथ एक सरकारी आवास और गार्ड, सरकारी वाहन, कुक माली समेत निजी स्टाफ और सुरक्षा के लिए पर्सनल सिक्योरिटी गार्ड मिलते हैं. सबसे ज्यादा सुरक्षा भी राज्य के डीजीपी को मिलती है. 


 


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