Titanic: हम सभी ने टाइटैनिक जहाज का नाम सुना है. अपने दौर के सबसे बड़े और पॉपुलर जहाज टाइटैनिक की लम्बाई करीब 269.1 मीटर और चौड़ाई 28 मीटर के आसपास थी. 14 अप्रैल, 1912 में रात के समय टाइटैनिक बर्फ के पहाड़ से टकराकर नॉर्थ अटलांटिक ओसियन में डूब गया था. इसके मलबे को 1985 में ढूंढा गया था. ओशनगेट नाम की एक कंपनी है जो लोगों को पनडुब्बी में बिठाकर टाइटैनिक का मलबा दिखाने समुद्र में लेकर जाती है. 


अचानक गायब हो गई सबमरीन


हाल ही में टाइटैनिक के मलबे को देखने के लिए अटलांटिक महासागर में निकली एक 'टाइटन' नाम की टूरिस्ट पनडुब्बी साउथ-ईस्ट कनाडा के तट से अचानक गायब हो गई. इसमें पायलट सहित पांच लोग सवार थे. जिसमें ब्रिटेन के अरबपति बिजनेसमैन हामिश हार्डिंग हैं. हामिश ने नामीबिया से आठ चीते लाने के लिए भारत सरकार के साथ काम किया था. इसके अलावा पाकिस्तान के नामी कारोबारी शहजादा दाउद भी अपने बेटे सुलेमान के साथ इस पनडुब्बी में थे. इनके अलावा एक अन्य यात्री भी था. पनडुब्बी की खोज जारी है. ऐसे में आइए जानते हैं कि कैसे टाइटैनिक जहाज का मलबा देखा जा सकता है और इसमें कितने खर्चा आ जायेगा.


इतने रुपये में देख सकते हैं टाइटैनिक का मलबा


समुद्री दुनिया में खोज करने वाली कंपनी ओशनगेट ने साल 2021 में अपना टाईटैनिक सर्वे एक्सपीडिशन प्रोजेक्ट शुरू किया. जिसमें वो लोगों को पनडुब्बी में बिठाकर समुद्र में पड़ा टाइटैनिक का मलबा दिखाने लेकर जाती है. Washingtonpost के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट के तहत एक व्यक्ति पर करीब 2,50,000 डॉलर का खर्च आता है, यानी प्रति व्यक्ति करीब 2 करोड़ रुपये से अधिक अधिक. रिपोर्ट के मुताबिक, इस यात्रा पर 17 साल और उससे अधिक उम्र के लोग जा सकते हैं.


12,500 फीट की गहराई पर है मलबा


ओशनगेट एक्सपेडिशंस के टाइटैनिक सर्वे एक्सपेडिशन पर कंपनी का कहना है कि वे अधिकतम 12,800 फीट की गहराई तक जा सकते हैं. टाइटैनिक का मलबा कनाडा के न्यूफाउंडलैंड से लगभग 370 मील दक्षिण में 12,500 फीट की गहराई पर है. प्रति व्यक्ति आने वाली लागत में सेंट जॉन्स, न्यूफाउंडलैंड से आने-जाने के लिए परिवहन शामिल नहीं है.


यह भी पढ़ें - अमेरिका की सीक्रेट सर्विस सिक्योरिटी में क्या खास है, जो पीएम मोदी को मिल रही है?