First Olympics for India: भारत के पहले आधिकारिक ओलंपिक दल का नाम 1920 में रखा गया था, जब देश को उसी वर्ष फरवरी में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति से मंजूरी मिली थी. स्वतंत्र भारत के फेमस व्यवसायियों में से एक दोराबजी टाटा ने तत्कालीन बॉम्बे गवर्नर जॉर्ज लॉयड के साथ पहल की और एक समिति का गठन किया, जिसने एंटवर्प खेलों के लिए 5 सदस्यीय टीम चुनी, जो अगस्त-सितंबर में आयोजित की गई थी. भारत ने केवल दो खेलों में भाग लिया. उस साल भारत को कोई अच्छी खबर नहीं सुनने को मिली.


सबसे पहली बार इस व्यक्ति ने भारत को दिलाया था पदक


आधिकारिक दल भेजे जाने से 20 साल पहले ब्रिटिश वंश के कोलकाता में जन्मे एथलीट नॉर्मन प्रिचार्ड ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करने वाले पहले भारतीय बने. प्रिचार्ड ने 1900 में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के दूसरे वर्जन, पेरिस खेलों में भाग लिया. प्रिचार्ड ने 5 स्पर्धाओं में भाग लिया- 60 मीटर, 100 मीटर, 200 मीटर, 110 मीटर बाधा दौड़ और 200 मीटर बाधा दौड़. उन्होंने मेडल भी जीते. प्रिचार्ड ने संयुक्त राज्य अमेरिका के वाल्टर टेक्सबरी को पीछे छोड़ते हुए 200 मीटर में रजत पदक जीता. ओलंपिक.कॉम के अनुसार, उस समय प्रिचार्ड खेलों में पदक जीतने वाले पहले एशियाई मूल के एथलीट भी बने.


फिल्मों में भी किया काम


1900 में पेरिस खेलों में प्रिचार्ड के बाद एक और पदक आया, जब उन्होंने 200 मीटर बाधा दौड़ में रजत पदक जीता. 110 मीटर बाधा दौड़ के फाइनल में जगह बनाने के बाद वह तीसरे पदक के करीब थे, लेकिन वह दौड़ के बीच में ही फिसल गए. इस प्रकार भारत ने खेलों के दूसरे वर्जन की शुरुआत में ही ट्रैक और फील्ड में व्यक्तिगत पदकों के साथ अपनी ओलंपिक यात्रा शुरू कर दी, जो कि उससे पहले भारतीय ओलंपिक के इतिहास में कभी नहीं हुआ था. अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति नॉर्मन प्रिचार्ड के पदकों का श्रेय भारत को देती है. प्रिचार्ड का जन्म भारत में हुआ और वे भारत में ही पले-बढ़े. भारत में अपने समय के दौरान उन्होंने कई खेल खेले. उन्होंने फुटबॉल खेला और उसमें अच्छा प्रदर्शन किया और बंगाल में कई एथलेटिक्स रिकॉर्ड बनाए. प्रिचार्ड संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए और वहां उन्होंने फिल्म में भी काम किया. 


भारत को IOC संबद्धता 1926 में ही मिल गई थी. हालांकि, प्रिचार्ड ने भारतीय पासपोर्ट (तब इसे यात्रा दस्तावेज़ कहा जाता था) और एक भारतीय जन्म प्रमाण पत्र पर पेरिस की यात्रा की थी. ओलंपिक इतिहासकार इयान बुकानन ने बताया था कि प्रिचार्ड ने ब्रिटिश एमेच्योर एथलेटिक्स एसोसिएशन की टीम के हिस्से के रूप में पेरिस की यात्रा की थी. उनके अनुसार, भारत में जन्मे एथलीट बंगाल प्रेसीडेंसी एथलेटिक क्लब और लंदन एथलेटिक क्लब की सदस्यता के धारक थे. 2021 तक आईओसी की आधिकारिक वेबसाइट प्रिचार्ड के पदकों का श्रेय भारत को देती है. 


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