विश्व युद्ध के बारे में जब भी बात होती है तो करोड़ों लोगों की मौत के बारे में सोचने में आ ही जाता है. ऐसे में आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे और आपके घरों में पाए जाने वाले मच्छर इस युद्ध में हज़ारों लोगों की मौत का कारण बन गए थे.


कैसे मच्छरों में विश्व युद्ध ने हज़ारों सैनिकों के उतारा था मौत के घाट


विश्व युद्ध में जहां दुनियाभर में सेनाएं 4 साल यानी 28 जुलाई 1914 से 11 नवंबर 1918 तक एक-दूसरे से लड़ाई कर रही थीं. इस समय में पहला विश्व युद्ध लड़ा जा रहा था. उस युद्ध में सैनिकों और अन्य लोगों सहित लगभग 10 करोड़ लोगों की मौत हो गई थी. इसी दौरान फैले स्पेनिश फ़्लू ने भी करोड़ों लोगों की जान चली गई थी. ये वही समय था जब मच्छरों के कारण फैला मलेरिया भी अपना प्रकोप दिखा रहा था.


मलेरिया ने ली इतने लोगों की जान


मच्छरों के कारण लोग मलेरिया की चपेट में आ गए थे. वहीं जब दूसरा विश्व युद्ध छिड़ा उस समय भी लाखों लोगों को मलेरिया ने अपनी चपेट में ले लिया था. कई सैनिकों का भी इससे जान बचा पाना मुश्किल हो गया था. इस दौरान 5 लाख से ज़्यादा लोग मलेरिया की चपेट में आ गए थे. अमेरिकी सैनिक मलेरिया के चलते सबसे ज़्यादा मौत के घाट उतरे, वहीं अफ़्रीका और साउथ पैसिफ़िक में लड़ाई के दौरान 60 हज़ार से ज़्यादा अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई थी.


जापान के साथ युद्ध के वक़्त गई हज़ारों लोगों की जान


सबसे ज़्यादा सैनिकों की मलेरिया से जान जापान के साथ युद्ध के दौरान गई. जिसमें 57 हज़ार सैनिक इसी दौरान जान गंवा बैठे थे. आंकड़ो की मानें तो साउथ पैसिफ़िक में उस समय आधे से ज़्यादा सैनिक मलेरिया की चपेट में आ गए थे. जिससे ज्यादातर सैनिकों की मौत भी हो गई थी.   


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