Bones in human: हमारा शरीर मांस और कोशिकाओं से बना होता है, जिन्हें आधार देती हैं हमारे शरीर में ढांचे के रूप में मौजूद हड्डियां. आपको जानकर हैरानी होगी कि जब बच्चा शिशुअवस्था में होता है तो उसके शरीर में 300 हड्डियां होती है, लेकिन बड़े होने पर उसी बच्चे में 206 हड्डियां होती है. फिर सवाल ये उठता है कि शिशुअवस्था से वही बच्चा जब बड़ा होता है तो उसकी बाकी 94 हड्डियां गायब कहां हो जाती है. चलिए आज जान लेते हैं.


हड्डियां होती हैं मांस से बने शरीर का आधार


शरीर का कंकाल तंत्र हड्डियों से ही बनता है, जिनसे हमें पोश्चर मिलता है. जो उठने बैठने से लेकर हर कार्य के लिए जरूरी होता है. इंसान से लेकर जीवों तक के लिए हड्डियां जरूरी होती हैं. जिन जीवों में हड्डियां होती हैं उन्हें कशेरुकी कहा जाता है, जिनमें शेर, मछली, पक्षी, सरीसृप या फिर रेंगने वाले जीव या धरती पर चलने वाले जैसे जीव शामिल होते हैं. वहीं जिन जीवों के शरीर में हड्डियां नहीं होतीं उन्हें अकशेरुकी जीव कहा जाता है, इन जीवों में कीड़े, मकौड़े, समुद्री जीव, केंचुए आदी शामिल होते हैं.


कैसे बनती हैं हड्डियां?


रक्त एक तरल संयोजी ऊतक है. ठीक उसी प्रकार हड्डी भी एक कठोर व मजबूत संयोजी ऊतक है. हड्डियां मुख्य रूप से कैल्शियम और फास्फोरस से बनी होती हैं. हड्डियों में पाई जाने वाली प्रोटीन को ओसीन (ossine) कहा जाता है. इसी वजह से हड्डियों के अध्ययन का विज्ञान ओस्टियोलॉजी (Osteology) कहलाता है.


बच्चे के वयस्क होने के समय में कैसे कम हो जाती है हड्डियां?


जब इंसान का जन्म होता है तो शिशुअवस्था में उसके शरीर में 300 हड्डियां पाई जाती हैं. वहीं जब वो वयस्क हो जाता है तो उसके शरीर में 206 हड्डियां होती हैं. बता दें कि स्‍केलेटल सिस्‍टम में कार्टिलेज होने की वजह से बच्चे में ज्‍यादा हड्डियां होती हैं. वयस्‍कों की तुलना में उनमें ज्यादा स्‍केल बोन हो सकती हैं. बेबी की खोपड़ी यानि स्‍केल में क्रेनियम और फेशियल स्‍केलेटन होता है.


जो बाद में फ्यूज होकर 22 हड्डियां बन जाती हैं. इसके अलावा जन्‍म के समय बांह और टांग की हड्डियां भी फ्यूज नहीं होती हैं. आसान शब्दों में समझें तो शिशु अवस्था में हड्डियां छोटी तथा कमजोर होती हैं, जबकि वयस्क अवस्था में ये जुड़कर, कठोर तथा मजबूत हड्डी बन जाती हैं.


यह भी पढ़ें: National Technology Day: नजरें गड़ाए था पाकिस्तान तो अमेरिका करता रहा पहरेदारी, फिर भारत ने पोखरण में ऐसे बांधा कामयाबी का पुलिंदा