भारत में खाने-पीने के शौकीन बहुत लोग हैं. महानगरों से लेकर छोटे शहरों में आपको हर थोड़ी दूरी पर खाने-पीने की दुकानें दिखती होंगी. लेकिन सोशल मीडिया पर अक्सर खाने पीने से जुड़ी बहुत सारी बाते पूछी जाती हैं, जिसका जवाब अधिकांश लोगों को नहीं पता होता है. ऐसा ही एक सवाल है कि जब बर्गर गोल होता है तो उसका डिब्बा चौकोर क्यों होता है? 


खाने-पीने के शौकीन


भारत के छोटे-बड़े शहरों में हर थोड़ी दूरी पर आपको खाने के आइटम मिल जाते हैं. आज के वक्त भारतीय बाजारों में भारतीय फूड से लेकर दूसरे देशों के फूड मौजूद हैं. इतना ही नहीं खाने के शौकीन लोग मसालों की वैराइटी पर भी ध्यान देते हैं. भारत के अलग-अलग राज्यों और क्षेत्रों में खाने का टेस्ट और वैराइटी अलग है. लेकिन कुछ फास्ट फूड आइटम जैसे बर्गर और पिज्जा को दुनियाभर के लोग पसंद कर रहे हैं. आज एयरपोर्ट से लेकर आम बाजारों तक इनके आउटलेट खुले हुए हैं.     


बर्गर गोल


आखिर बर्गर गोल क्यों होता है? दरअसल बर्गर के बन को तैयार करने के लिए उसे रोटी की तरह बेलना होता है. गोल बेलने से बर्गर के हर कोने पर प्रेशर बराबर पड़ता है, जिससे जब इसको तैयार किया जाता है, तो ये ठीक तरीके से अपने साइज में तैयार होता है. यही कारण है कि बर्गर गोल होता है.


बर्गर का डिब्बा चौकोर


अब दूसरा सवाल ये है कि आखिर क्यों बर्गर का डिब्बा चौकोर होता है. अगर आपको क्राफ्ट या घरेलू काम की थोड़ी सी जानकारी होगी, तो आप ये बात जानते होंगे कि अधिकांश डिब्बा चौकोर डिजाइन की वजह से नहीं होते हैं. बल्कि इसके पीछे लॉजिकल वजह है. बता दें कि गोल डिब्बों को बनाने में मेहनत भी काफी लगती है और इसमें काफी पैसे भी खर्च होते हैं. चौकौर डिब्बे सिर्फ एक कार्डबोर्ड से बन जाते हैं, जबकि गोल डिब्बों को बनाने में एक से ज्यादा शीट का इस्तेमाल करना पड़ता है. किफायती और आसान होने की वजह से बर्गर के डिब्बे चौकोर बनाए जाते हैं. इसके अलावा चौकौर डिब्बों में बर्गर स्टोर करने में आसानी होती है. 


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