Tax Free State Of India: भारत में हर साल करोड़ों लोग अपनी कमाई का ब्योरा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देते हैं. वेतन, बिजनेस, शेयर मार्केट या इन्वेस्टमेंट से होने वाली कमाई पर टैक्स देना आम बात है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा राज्य भी है, जहां कमाई पर जीरो टैक्स लगता है? इस राज्य के मूल निवासी अपनी आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं भरते हैं. आखिर इसके पीछे की क्या वजह है, चलिए जान लेते हैं.

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क्यों मिली यह टैक्स पर यह छूट?

सिक्किम भारत का एक ऐसा राज्य है, जिसको इनकम टैक्स से छूट दी गई है. इस राज्य को भारत के संविधान के विशेष अनुच्छेद 371(F) के तहत छूट दी गई है. जब साल 1975 में सिक्किम भारत का हिस्सा बना, तब वहां की अपनी प्रशासनिक व्यवस्था और कर प्रणाली थी. भारत सरकार ने उस समय यह वादा किया था कि सिक्किम के पारंपरिक कानून और नियमों को बरकरार रखा जाएगा. इसी वादे को पूरा करने के लिए संविधान में अनुच्छेद 371(F) जोड़ा गया, जिसने सिक्किम को विशेष दर्जा प्रदान किया है.

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इसके अलावा, इनकम टैक्स एक्ट की धारा 10(26AAA) सिक्किम के मूल निवासियों को टैक्स से पूरी छूट देती है. इस धारा के तहत, सिक्किम में रहने वाले और वहां के सब्जेक्ट सर्टिफिकेट धारक लोगों के वेतन, व्यापार, निवेश, ब्याज या शेयरों से कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता है.

किन लोगों को नहीं मिलती है यह सुविधा?

सिक्किम में टैक्स-फ्री व्यवस्था सभी लोगों पर लागू नहीं होती है. यह छूट सिर्फ उन्हीं लोगों को दी जाती है जो 1961 के सिक्किम सब्जेक्ट रेगुलेशन में दर्ज थे या उनके वंशज हैं. यानी जो लोग सिक्किम के मूल निवासी नहीं हैं, या जिन्होंने बाद में यहां आकर बसना शुरू किया, उन्हें टैक्स देना पड़ता है. यही कारण है कि अगर कोई व्यक्ति सिक्किम में काम करता है, लेकिन वहां का निवासी नहीं है, तो उसे भारत के बाकी हिस्सों की तरह इनकम टैक्स देना ही पड़ता है.

अभी तक यह व्यवस्था क्यों बरकरार?

सिक्किम की टैक्स छूट केवल आर्थिक रियायत नहीं, बल्कि सांस्कृतिक संरक्षण का प्रतीक है. यह प्रावधान सिक्किम की ऐतिहासिक और सामाजिक पहचान को बनाए रखने के लिए रखा गया था. इससे न केवल स्थानीय लोगों को आर्थिक राहत मिलती है, बल्कि उनके पारंपरिक और सामाजिक ढांचे को भी मजबूती मिलती है.

देश का अनोखा टैक्स मॉडल

सिक्किम भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां के मूल निवासी इनकम टैक्स नहीं भरते हैं. यह व्यवस्था देश के किसी और हिस्से में नहीं है. हालांकि, सिक्किम में अन्य प्रकार के कर जैसे जीएसटी या राज्य सरकार द्वारा लगाए गए टैक्स लागू रहते हैं. इस विशेष छूट की वजह से सिक्किम न केवल प्रशासनिक दृष्टि से, बल्कि आर्थिक रूप से भी एक अनोखा राज्य बन गया है.

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