Artificial Intelligence: आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. मोबाइल का फेस लॉक हो, चैटबॉट्स हों, या फिर गूगल मैप्स की स्मार्ट नेविगेशन हर जगह AI हमारी मदद करता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि AI का इस्तेमाल दुनिया में सबसे पहले कब हुआ था और उस समय इसमें कौन-कौन से फीचर्स मौजूद थे? आइए जानते हैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआती यात्रा.

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AI की शुरुआत कब और कैसे हुई

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का विचार कोई नया नहीं है. मशीनों को इंसान जैसी सोच देने का सपना बहुत पुराना है. 1950 के दशक में इस पर गंभीर शोध शुरू हुआ. ब्रिटिश गणितज्ञ एलन ट्यूरिंग (Alan Turing) ने 1950 में एक मशहूर रिसर्च पेपर लिखा था जिसमें उन्होंने यह सवाल उठाया—"क्या मशीन सोच सकती है?" यही से AI का असली बीज बोया गया.

1956 को AI का जन्म वर्ष माना जाता है, जब अमेरिका के डार्टमाउथ कॉलेज में एक कॉन्फ्रेंस हुई. यहीं पहली बार "Artificial Intelligence" शब्द का इस्तेमाल किया गया और इसे भविष्य की तकनीक के रूप में पेश किया गया.

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सबसे पहले इस्तेमाल हुए AI के फीचर्स

AI के शुरुआती दौर में मशीनें इंसान जैसी ‘सोच’ नहीं करती थीं बल्कि उन्हें खास काम करने के लिए प्रोग्राम किया जाता था. उस समय के AI सिस्टम्स में कुछ खास फीचर्स थे. लॉजिक और गणितीय समस्याएँ हल करना – शुरुआती AI प्रोग्राम गणितीय सवाल हल कर सकते थे. जैसे Logic Theorist नामक प्रोग्राम जिसे 1955 में बनाया गया, वह जटिल गणितीय प्रमेय (थ्योरम) हल करने में सक्षम था.

शतरंज खेलना – 1950 और 60 के दशक में बने शुरुआती कंप्यूटर प्रोग्राम इंसानों के साथ शतरंज खेल सकते थे. यह AI का बड़ा उदाहरण था क्योंकि इसमें चालों का विश्लेषण और अनुमान लगाना शामिल था.

सीखने की क्षमता (Learning Ability) – शुरुआती AI सिस्टम्स सीमित स्तर पर डेटा से सीख सकते थे. उदाहरण के लिए Perceptron नाम की तकनीक 1958 में विकसित हुई, जो मशीन लर्निंग का शुरुआती रूप था.

भाषा समझने की कोशिश – 1960 के दशक में ELIZA नामक चैटबॉट बनाया गया था, जो इंसान से बातचीत करने की नकल करता था. हालांकि इसकी समझ बहुत सतही थी लेकिन यह AI आधारित संवाद की नींव साबित हुआ.

आज के AI से तुलना

आज का AI शुरुआती AI से कहीं आगे बढ़ चुका है. अब इसमें डीप लर्निंग न्यूरल नेटवर्क्स, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग और जनरेटिव AI जैसी क्षमताएँx शामिल हैं. जहां पहले AI सिर्फ तयशुदा आदेश मानता था, वहीं अब यह खुद से सीखकर नए समाधान दे सकता है.

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