अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वालीं बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर का एक बयान फिर से सुर्खियों में बना हुआ है. दरअसल स्वरा भास्कर ने एक इंटरव्यू के दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी और सपा सांसद डिंपल यादव को अपना क्रश बता दिया है. स्वरा ने ये भी दावा किया कि 'हम सभी लोग बाइसेक्शुअल' हैं. स्वरा ने और क्या कहा इतना ही नहीं स्वरा ने कहा कि अगर इंसानों को अपनी मर्जी से जीने दिया जाए तो हम सभी बाइसेक्सुअल होते. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हेटरोसेक्सुअलिटी यानी लड़का और लड़की वाला रिश्ता दरअसल एक सामाजिक सोच है, जिसे हजारों सालों से इंसानों पर थोपा गया है. स्वरा भास्कर के इस बयान की सोशल मीडिया में खूब चर्चा हो रही है लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. चलिए जानते हैं कि आखिर बाइसेक्शुअल का मतलब क्या होता है ये 'गे' और 'लेस्बियन' से कितना अलग है? कौन होते हैं 'बाइसेक्सुअल'
गे और लेस्बियन का अर्थ'गे' शब्द आमतौर पर पुरुषों के लिए उपयोग किया जाता है जो भावनात्मक या यौन रूप से अन्य पुरुषों के प्रति आकर्षित होते हैं. इसे समलैंगिकता (होमोसेक्सुअलिटी) भी कहते हैं. दूसरी ओर, लेस्बियन वे महिलाएं हैं जो अन्य महिलाओं के प्रति भावनात्मक, रोमांटिक या यौन आकर्षण महसूस करती हैं. यह शब्द विशेष रूप से समलैंगिक महिलाओं के लिए उपयोग होता है. दोनों ही शब्द समलैंगिकता की श्रेणी में आते हैं, लेकिन लेस्बियन विशेष रूप से महिला समलैंगिकों के लिए उपयोग होता है.
'गे' और 'लेस्बियन' से कैसे अलग है 'बाइसेक्सुअल' तीनों ही कैटेगरी का मुख्य अंतर आकर्षण के दायरे में है. जहां गे पुरुष केवल पुरुषों और लेस्बियन महिलाएं केवल महिलाओं के प्रति आकर्षित होती हैं. वहीं बाइसेक्सुअल व्यक्ति दोनों लिंगों के प्रति आकर्षण महसूस कर सकते हैं.
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