Sp Leader Azam Khan Pension: जेल में बंद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनको जमानत दे दी है. रामपुर के चर्चित डूंगपुर से जुड़े एक मामले में आजम खान ने रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट से मिली 10 साल की सजा के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में क्रिमिनल अपील दर्ज की थी. जिसपर कोर्ट ने आजम खान को बड़ी राहत दे दी है. रामपुर से कई बार विधायक और सांसद रह चुके सीनियर सपा नेता आजम खान इन दिनों राजनीति से दूर हैं. चलिए जान लेते हैं कि आखिर आजम खान को कितनी पेंशन मिलती है और उनकी कमाई कहां-कहां से होती है.
यूपी विधानसभा से पेंशन
आजम खान कुल 10 बार विधायक रह चुके हैं. उत्तर प्रदेश में पूर्व विधायकों को बेसिक 25,000 प्रतिमाह पेंशन मिलती है. हर अतिरिक्त कार्यकाल पर लगभग 2000-3000 रुपये प्रतिमाह और जोड़ा जाता है. इसके अलावा महंगाई भत्ता अलग से मिलता है. इस हिसाब से आजम खान को केवल विधानसभा पेंशन ही 40,000-45,000 प्रतिमाह के करीब मिलनी चाहिए.
संसद से पेंशन
आजम खान एक बार सांसद भी रह चुके हैं. संसद से पूर्व सांसदों को बेसिक 25,000 प्रतिमाह पेंशन मिलती है. इसके अलावा महंगाई भत्ता जोड़ने के बाद यह राशि आमतौर पर 35,000-40,000 प्रतिमाह तक पहुंच सकती है.
दोनों पदों की पेंशन जोड़ने पर आजम खान की मासिक पेंशन 75,000 से 85,000 प्रतिमाह तक होनी चाहिए. यही नहीं उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं और कुछ यात्रा भत्ते भी मिलते हैं. यानी सक्रिय राजनीति से बाहर होने के बावजूद आजम खान को पेंशन से नियमित आमदनी होती है.
लोकतंत्र सेनानी पेंशन बंद हुई
आजम खान को उत्तर प्रदेश सरकार की लोकतंत्र सेनानी पेंशन योजना के तहत हर महीने 20,000 रुपये पेंशन मिलती थी. यह योजना उन नेताओं के लिए शुरू की गई थी जिन्होंने इमरजेंसी के दौरान जेल काटी थी, लेकिन मार्च 2021 में योगी सरकार ने उनके खिलाफ दर्ज कई आपराधिक मामलों का हवाला देते हुए यह पेंशन रोक दी थी.
कहां-कहां से होती है कमाई?
रिपोर्ट्स की मानें तो 2019 के लोकसभा चुनाव हलफनामे में आजम खान ने अपनी आय के स्रोतों में कृषि, व्यवसाय, स्वयं का काम और पेंशन का जिक्र किया था. इसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव के हलफनामे में भी यही विवरण मिला था. इसके अलावा उनकी पत्नी तंजीन फातिमा भी पूर्व विधायक और सांसद रह चुकी हैं, जिनकी आय और पेंशन भी परिवार की आमदनी में जुड़ती है. हलफनामों के अनुसार, उनके पास करोड़ों रुपये की जमीन, मकान और इन्वेस्टमेंट हैं.
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