नेपाल में हुए हलिया विरोध प्रदर्शन ने देश की सरकार को हिला कर रख दिया. नतीजा ये हुआ कि सरकार में काबिज तमाम बड़े नेताओं ने इस्तीफा दे दिया. ये विरोध प्रदर्शन युवाओं ने शुरू किया था, जिसका कारण भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया को बैन करने से जुड़ा था. इसके इतर नेपाल से जुड़ी एक और रिपोर्ट सामने आई है, जो युवाओं से ही जुड़ी है. जिसमें शराब की खपत से को लेकर जानकारी दी गई है. हालांकि, रिपोर्ट पुरानी है, लेकिन चिंताजनक है. नेपाल में STEPS सर्वेक्षण 2019 के जरिए एक रिपोर्ट तैयार की गई, जिसमें 15-69 वर्ष  के लोगों को शामिल किया गया था. रिपोर्ट में नशे से संबंधित चीजों के इस्तेमाल पर डेटा तैयार किया गया था.

Continues below advertisement

नेपाल की संस्कृति में शराब का सामाजिक और धार्मिक महत्व है, लेकिन इसके साथ ही यह स्वास्थ्य जोखिम और सामाजिक समस्याओं का भी कारण बनती है. रिपोर्ट में पाया गया कि 72.2% वयस्क जीवनभर शराब से दूर रहे, जबकि 23.9% वयस्क शराब पीने वाले थे. इन आंकड़ों ने स्पष्ट किया कि शराब का सेवन पुरुषों में महिलाओं की तुलना में कहीं अधिक है. नेपाल में शराब उपभोग की प्रवृत्ति स्पष्ट रूप से लिंग आधारित अंतर को दर्शाती है. पुरुषों में 38.6% और महिलाओं में केवल 10.8% वर्तमान शराब पीने वाले पाए गए. लगभग 11.7% पुरुष प्रतिदिन शराब पीते हैं, जबकि महिलाओं में यह अनुपात बहुत कम है. भारी मात्रा में बार-बार शराब पीने (binge drinking) वालों में 12.4% पुरुष और केवल 1.7% महिलाएं हैं.

बिना रिकॉर्ड शराब का बढ़ता प्रचलननेपाल में शराब उपभोग का एक बड़ा हिस्सा बिना रिकॉर्ड की शराब (Unrecorded Alcohol) है, जिसे न तो आधिकारिक रूप से बेचा जाता है और न ही सरकारी आंकड़ों में दर्ज किया जाता है. शराब पीने वालों में से 68.5% ने बिना Unrecorded Alcohol का सेवन किया. कुल खपत में से 66.3% शराब बिना रिकॉर्ड की थी. इनमें से अधिकांश घर में बनी स्पिरिट (रक्सी/ऐला) (57.4%) और घर में बनी वाइन (जाद) (36.7%) शामिल थी.

Continues below advertisement

शराब  नीति से जुड़ी चुनौतियांनेपाल में शराब काफी आसानी से मिल जाती है और यही एक बड़ी चुनौती है. केवल 11.8% लोगों ने माना कि शराब पाना कठिन है. सर्वे में भाग लेने वाले लगभग 27.9% ने माना कि शराब पहले की तुलना में सस्ती हो गई है. सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि 15-18 वर्ष आयु वर्ग के किसी भी उत्तरदाता को उनकी उम्र के कारण शराब खरीदने से रोका नहीं गया, जबकि कानूनी न्यूनतम आयु 18 वर्ष है. इससे स्पष्ट है कि शराब नियंत्रण से संबंधित कानूनों का पालन ठीक तरह से नहीं किया जा रहा है और इन पर सख्ती से अमल करने की आवश्यकता है.

ये भी पढ़ें: 'किसी भी ऑफर से दूर रहें', भारतीय नागरिकों को रूसी सेना में शामिल न होने की सलाह, जानें MEA ने और क्या कहा?