Solar Eclipse 2024: आज यानी 8 अप्रैल 2024 को साल का पहला सूर्यग्रहण लगने जा रहा है. 50 साल बाद इतना लंबा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है, ऐसे में क्या आप जानते हैं कि हर बार अमावस्या को ही क्यों ग्रहण लगता है. फिल्मों या नाटकों में आपने इसके बारे में कई बार सुना भी होगा, जिसे हमेशा डरावनी तरह से बताया जाता है, लेकिन चलिए आज इसके पीछे की असल वजह जानतेे हैं.


अमावस्या पर ही क्यों लगता है सूर्य ग्रहण?
ज्‍योतिषाचार्यों की मानें तो हर अमावस्‍या पर सूर्य ग्रहण नहीं लगता, लेकिन जिस दिन भी सूर्य ग्रहण लगता है, उस दिन अमावस्‍या जरूर होती है. ज्‍योतिषाचार्य मानतेे हैं कि बिना चंद्रमा और सूर्य के संबंध के कोई भी ग्रहण नहीं होता. अमावस वो दिन होता है जब सूर्य और चंद्रमा एक ही अंश पर आ जाते हैं. जिस अमावस पर सूर्य और चंद्रमा एक ही अंश पर हों और उनका संबंध राहु-केतु से बन जाता है, उस अमावस्‍या पर सूर्य ग्रहण लग सकता है. 


क्या हैै वैज्ञानिक कारण?
यदि खगोलिय रूप से देखा जाए तो पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है और चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करता है. वहीं अमावस के दिन चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच होता है और पृथ्‍वी के सबसे नजदीक होता है. इस बीच कई बार वो समय आता है कि जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच इस तरह से आता है कि पृथ्‍वी पर सूर्य की रोशनी नहीं पड़ पाती. ये स्थिति जिस दिन अमावस पर बन जाती है, उस समय सूर्य ग्रहण लग जाता है.


साल का पहला सूर्य ग्रहण
येे सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार रात में लगभग 09:12 पर शुरू होगा, जो रात 01:25 तक चलेगा. ऐसे में इसे 50 सालों में सबसे लंबा सूर्य ग्रहण माना जा रहा है. हालांकि ये सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा. ऐसे में सूतक के नियम भी भारत में नहीं माने जाएंगे.                 


यह भी पढ़ें: सहरी और इफ्तारी के लिए मुगल किचन में बनती थीं ये चीजें? इतनी तरह की होती थीं रोटियां