Snoring Side Effects: कुछ लोगों को रात में खर्राटे लेने की आदत होती है. अगर आप भी सोते समय खर्राटे लेते हैं तो जरा सावधान हो जाएं. हालिया रिसर्च में दावा किया गया है कि खर्राटे लेना दिमाग को डैमेज कर सकता है. इससे आपकी याद्दाश्त और सोचने-समझने की क्षमता घट सकती है, जिससे आपको निर्णय लेने में भी मुश्किल होती है. किंग्स कॉलेज लंदन में यह स्टडी हुई थी. स्टडी के दौरान सामने आई बातें बताती हैं कि खर्राटे दिमाग पर बुरा असर छोड़ रहे हैं. आइए जानते हैं वैज्ञानिकों ने अपनी इस रिसर्च में इसकी क्या वजह बताई हैं.
घटता है ब्लड फ्लो और ऑक्सीजन का स्तर
डेलीमेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 30 की उम्र के हर 10 में से 1 इंसान को खर्राटों की समस्या है. ऐसे में दिमाग पर बुरा असर डालने वाली यह रिसर्च कई हैरान करने वाले खुलासे करती है. शोधकर्ताओं का कहना है कि सोते समय खर्राटे लेना आपके सांस लेने की प्रोसेस को बाधित करता है. जिस वजह से इंसान बीच-बीच में बार-बार जागता रहता है. इसका दिमाग पर बुरा असर पड़ता है. इसके अलावा, इससे शरीर में ब्लड फ्लो और ऑक्सीजन का लेवल घट जाता है. इससे दिमाग पर बुरा असर पड़ता है.
27 पुरुषों पर की गई थी रिसर्च
जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया के विशेषज्ञों के साथ मिलकर लंदन के शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन किया था. जिसमें खर्राटों से जूझ रहे 35 से 70 साल के बीच की आयु के 27 पुरुषों को शामिल किया गया था. इनमें कोई भी किसी बड़ी बीमारी से परेशान नहीं था.
ब्रेन की तरंगों की करी गई स्कैनिंग
यह जानने के लिए कि रिसर्च रिसर्च में शामिल किए गए लोगों के दिमाग की तरंगे कैसा काम काम कर रही हैं, शोधकर्ताओं ने उनको दिमाग की तरंगों की जांच करने वाला इलेक्ट्रॉन एनसिफेलोग्राफी स्कल पहनाया. साथ ही उनके सोचने-समझने की क्षमता को जांचा गया. इसके अलावा उनके शरीर में ऑक्सीजन का लेवल, सांस की गति, हार्ट रेट, आंखों और पैरों के मूवमेंट को भी नोट किया गया.
रिसर्च में आई यह बात सामने
इस अध्ययन के नतीजों में यह बात सामने आई कि खर्राटों का सीधा असर हमारी मेमोरी पर पड़ता है. शोधकर्ताओं ने बताया कि शुरुआती रिसर्च में पता चला कि शरीर में ऑक्सीजन लेवल कम होता और ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन घटता है, जिसका दिमाग पर बुरा असर होता है.
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