शुभांशु शुक्ला और उनके तीन अन्य साथियों को लेकर आज यानी 25 जून को एक्सिओम-4 मिशन आज इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए उड़ान भर सकता है. स्पेसएक्स ने यह ऐलान किया कि बुधवार को मौसम उड़ान भरने के लिए 90 फीसद अनुकूल है. नासा की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार,  इसे लॉन्च करने के लिए भारतीय समयानुसार 12.01 बजे का समय सेट किया गया है, जो फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर स्थित लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से लॉन्च किया जाएगा. यह लॉन्चिंग फॉल्कन रॉकेट से होगी, जिसे दुनिया का सबसे ताकतवर रॉकेट कहा जाता है? आखिर इसे दुनिया का सबसे ताकतवर रॉकेट कहने के पीछे क्या है वजह?

क्यों है फॉल्कन दुनिया का सबसे ताकतवर रॉकेट?

फॉल्कन 9 रॉकेट को दुनिया के सबसे ताकतवर और भरोसेमंद रॉकेट्स में से एक माना जाता है. इस रॉकेट को अमेरिका की प्राइवेट स्पेस कंपनी स्पेसएक्स ने डिवेलप किया है, जिसके फाउंडर एलन मस्क हैं. फॉल्कन 9 को खासतौर पर मानव मिशन, सैटेलाइट लॉन्च और अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) तक सप्लाई भेजने के लिए डिजाइन किया गया है. 

फॉल्कन 9 की खासियत

फॉल्कन 9 रॉकेट की सबसे खास बात यह है कि इसका फर्स्ट स्टेज बूस्टर (First Stage Booster) दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसके चलते स्पेस ट्रैवल के खर्च में कमी आ जाती है. दरअसल, फॉल्कन 9 का फर्स्ट स्टेज बूस्टर 30 मिलियन डॉलर में तैयार होता है, लेकिन बार-बार इस्तेमाल होने के कारण यह खर्च बच जाता है. वहीं, डिस्पोजेबल रॉकेट का खर्च करीब 100 मिलियन डॉलर होता है, जो दोबारा इस्तेमाल नहीं हो सकता. इस रॉकेट में 9 Merlin इंजन लगे होते हैं, जो RP-1 (रॉकेट ग्रेड केरोसीन) और लिक्विड ऑक्सीजन इस्तेमाल करते हैं. इसकी थ्रस्ट (गति देने की ताकत) इतनी ज्यादा पावरफुल होती है कि यह 22800 किलोग्राम तक वजन को पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में पहुंचा सकता है. फॉल्कन 9 को NASA ने मानव मिशन के लिए प्रमाणित किया है.

2015 में बनकर तैयार हुए इस रॉकेट का इस्तेमाल NASA और SpaceX की साझेदारी में अंतरिक्ष यात्रियों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक भेजने के लिए किया जाता है. Crew Dragon नाम के कैप्सूल में एस्ट्रोनॉट्स बैठते हैं, जो फॉल्कन 9 से ही लॉन्च होता है. 2015 से अब तक फॉल्कन 9 को 100 से ज्यादा बार लॉन्च किया जा चुका है. इसका सक्सेस रेट 98 फीसदी से अधिक है, जो इसे दुनिया के सबसे भरोसेमंद रॉकेट्स में से एक बनाती है.

शुभांशु शुक्ला के लिए क्यों महत्वपूर्ण है फॉल्कन 9?

शुभांशु शुक्ला यदि फॉल्कन 9 से ISS जाते हैं तो यह केवल उनके लिए ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण होगा. फॉल्कन 9 के जरिए जाने का मतलब है कि उन्हें अत्याधुनिक सुरक्षा, सुविधा और तकनीक से लैस मिशन मिलेगा.  

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