UP Semiconductor Unit: मोदी सरकार की कैबिनेट ने कई अहम फैसलों पर मुहर लगाई है. बताया गया है कि यूपी के जेवर में सेमीकंडक्टर यूनिट को मंजूरी मिली है. जल्द ही इस यूनिट पर काम शुरू किया जाएगा. इसके लिए 3706 करोड़ रुपये का बजट आवंटित होगा. ये यूपी और खासतौर पर जेवर में रहने वाले लोगों के लिए काफी बड़ी खबर है. हालांकि इससे पहले भी भारत के पांच शहरों में ये सेमीकंडक्टर यूनिट चल रही है. 

दो गुजरात के साणंद और धोलेरा 

उत्तर प्रदेश के जेवर में बनने जा रही सेमीकंडक्टर यूनिट देश की छठवीं सेमीकंडक्टर फैक्ट्री होगी. इससे पहले ही देश के अलग-अलग राज्यों में इस तरह की पांच फैक्ट्री मौजूद हैं. जो कि जल्द ही ऑपरेशनल हो जाएंगी. इनमें बात की जाए तो गुजरात के साणंद में अमेरिकी कंपनी माइक्रों टेक्नोलॉजी (Micron Technology) की फैक्ट्री बनी है.  जो कि आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट  प्लांट बना रही है. जिसमें  DRAM और NAND को असेंबल किया जाएगा.इसके अलावा गुजरात के ही धोलेरा में दूसरी फैक्ट्री मौजूद है. जो कि ताइवान की Powerchip Semiconductor Manufacturing Corp (PSMC) और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ पार्टनरशिप करेगी.

असम, नोएडा और बेंगलुरु में तीन

तीसरी फैक्ट्री की बात की जाए तो वह मोरीगांव असम में है. यहां भी टाटा की ओर से निर्माण के काम किया जाएगा. इसके अलावा नोएडा में जापानी कंपनी Renesas Electronics ने अपना सेमीकंडक्टर डिजाइन सेंटर बनाया किया है. जो 3 नैनोमीटर चिप्स के डेवलपमेंट पर काम कर रहा है. तो वहीं इसी कंपनी ने बेंगलुरु में भी एक सेमीकंडक्टर डिजाइन सेंटर बनाया किया है. वहां भी 3 नैनोमीटर चिप्स के डेवलपमेंट पर काम हो रहा है. 

यह भी पढ़ें: किन-किन देशों में गीता पर हाथ रखकर खाई जाती है कसम? जान लें होश उड़ाने वाली हकीकत

भारत तीसरे नंबर पर

आपको बता दें भारत सरकार की ओर से सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग स्कीम के तहत 76000 करोड़ रुपये का फाइनेंशियल आउटले तैयार किया गया था. इसके बाद साल 2024 में भारत को सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग अट्रैक्टिवनेस इंडेक्स में तीसरा स्थान हासिल हुआ है. जो कि एक बड़ी उपलब्धि है इस इंडेक्स में पहले स्थान पर ताइवान दूसरे पर मलेशिया तो चौथ पर चीन है. 

यह भी पढ़ें: इंडियन आर्मी में कौन होता है सबसे बड़ा अफसर? रैंकिंग के हिसाब से देखें पूरी लिस्ट

आपको बता दें सेमीकंडक्टर बनाने की प्रक्रिया दो पार्ट्स में डिवाइड की जाती है. पहला फ्रंट एंड और दूसरा बैक एंड.  बैकऐंड में वाफर  की टेस्टिंग, वाफर की पैकेजिंग और उस पूरे पैकेज की टेस्टिंग शामिल होती है. जिसमें भारत को तीसरा स्थान मिला है.

यह भी पढ़ें: पाकिस्तान की कैद से लौटे BSF जवान की क्या चली जाएगी नौकरी? ये है प्रोटोकॉल