क्या इस ब्रह्मांड में हम अकेले हैं? क्या हमारी पृथ्वी की तरह कोई और गृह भी है, जहां जीवन मौजूद है और वहां लोग रहते हैं? क्या ब्रह्मांड के किसी कोने में एलियंस पाए जाते हैं? क्या एलियंस वाकई होते हैं? ये सवाल शायद पृथ्वी की उत्पत्ति के साथ ही बने और अब तक इन सवालों का कोई सटीक जवाब नहीं मिल पाया है. एलियंस होते हैं या नहीं...इस पर कई मिथक मौजूद हैं. तमाम तरह की स्टडी हुई हैं और वैज्ञानिक अब तक रिसर्च कर एलियंस को ढूंढ रहे हैं, लेकिन उनकी सटीक मौजूदगी का कोई पता नहीं लग पाया है. 

हालांकि, एलियंस की खोज को लेकर अब नया दावा सामने आया है. ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने हमारे सौरमंडल से बाहर एक ऐसे ग्रह की खोज कर ली है, जहां जीवन मौजूद है और वहां एलियंस की मौजूदगी के भी संकेत मिले हैं. द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस इस ग्रह का नाम K2-18b है, जो हमारी पृथ्वी से करीब 120 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है. 

एलियंस की मौजूदगी के सबसे ज्यादा चांस

कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने जिस ग्रह का पता लगाया है वहां एक 'हैरिटेबल जोन' यानी रहने लायक क्षेत्र भी पाया गया है, जहां जीवन की मौजूदगी की पूरी संभावना है. वैज्ञानिकों का कहना है कि वह 99.7 फीसदी आश्वस्त हैं कि उन्होंने अब तक जीवन की गतिविधि का सबसे अच्छा संकेत देखा है. यह ग्रह पृथ्वी के आकार से लगभग ढाई गुना बड़ा है. 

इंसान कैसे कर सकता है एलियंस से कॉन्टैक्ट?

लंबे समय से नासा और दुनिया की अन्य स्पेस एजेंसियां दूसरे ग्रहों पर एलियंस के अस्तित्व की खोज कर रही हैं. कई बार यूएफओ और दूसरे ग्रहों पर एलियंस की मौजूदगी के दावे भी किए जा चुके हैं, हालांकि, इन दावों की आज तक पुष्टि नहीं हो पाई. ऐसे में सवाल यह है कि अगर मान भी लिया जाए कि एलियंस सच में होते हैं तो इंसान उनसे संपर्क कैसे करेगा? क्या उनसे बात की जा सकती है? तो बता दें कि एलियंस से संपर्क करने की अभी तक कोई तकनीक विकसित नहीं हुई है और वैज्ञानिक लगातार इस पर काम कर रहे हैं. हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि एलियंस से क्वांटम कम्यूनिकेशन के जरिए संपर्क किया जा सकते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि क्वांटम कम्यूनिकेश सिस्टम में सूचनाओं का ट्रांसफर काफी तेज और सुरक्षित तरीके से किया जा सकता है. ऐसे नेटवर्क अंतरिक्ष में भी काम कर सकते हैं. ऐसे में इस तरीके का इस्तेमाल का एलियंस से संपर्क स्थापत किया जा सकता है.

यह भी पढ़ें: एस्टेरॉयड की टक्कर से जब खत्म हो गए थे डायनासोर तब भी बच गया था ये जीव, आज भी है मौजूद