Saudi Arabia Bus Accident:  सऊदी अरब में 17 नवंबर 2025 को एक बड़ा हादसा हो गया. दरअसल भारतीय समय अनुसार रात लगभग 1:30 बजे मक्का से मदीना जा रही एक उमराह यात्री बस मुफरीहाट के पास एक डीजल टैंकर से टकरा गई. इस दुर्घटना में 42 भारतीय तीर्थ यात्रियों की जान चली गई. इसी बीच आइए जानते हैं कि आखिर उमराह क्या है.

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उमराह का महत्व 

उमराह सऊदी अरब में मक्का की एक पवित्र तीर्थ यात्रा है. इसका इस्लाम में काफी गहरा सम्मान है. उमराह को छोटा हज भी कहा जाता है. यह हज की तरह जरूरी नहीं होता लेकिन इसका भी आध्यात्मिक महत्व काफी ज्यादा है. हज सिर्फ इस्लामी महीने जु अल हिज्जा के खास दिनों में ही किया जा सकता है लेकिन उमराह साल के किसी भी समय में किया जा सकता है. 

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क्या होती है पूरी प्रक्रिया 

इस तीर्थ यात्रा की शुरुआत एहराम की अवस्था में प्रवेश से होती है. यह एक पवित्र अवस्था होती है जिसमें तीर्थ यात्री सिर्फ सादे सफेद कपड़े पहनते हैं. इसके बाद मिककत नाम की एक तय सीमा को पार करने के बाद तीर्थयात्री मक्का में तवाफ करने के लिए पहुंचते हैं. इसमें काबा की सात बार परिक्रमा की जाती है. इसके बाद सई की जाती है जिसमें सफा और मरवा नाम की पहाड़ियों के बीच सात बार चलना होता है. यह तीर्थ यात्रा बाल कटवाने के बाद पूरी होती है. इसमें पुरुष या तो अपना सिर मुंडवाते हैं या फिर अपने बालों को छोटा करते हैं. इसी के साथ महिलाएं अपने बालों के सिरों को काटती हैं.

उमराह और हज में अंतर

वैसे तो दिखने में उमराह और हज एक जैसे लग सकते हैं लेकिन दोनों में फर्क है. हज हर सक्षम मुसलमान के लिए जीवन में एक बार जरूरी है और इसे सिर्फ 5 से 6 दिनों के लिए किया जाता है. वहीं उमराह अपनी मर्जी से कभी भी किया जा सकता है और इसकी अवधि भी काफी कम है. कई परिवारों के लिए उमराह करना एक सपना के पूरा होने जैसा होता है. यही वजह है कि दुनिया के हर कोने से भारत के दूर दराज के इलाकों के साथ-साथ लोग मक्का तक हजारों किलोमीटर की यात्रा करते हैं. उमराह करने के पीछे का उद्देश्य अल्लाह के करीब पहुंचना है, अपनी आत्मा को पिछले पापों से शुद्ध करना है और साथ ही भक्ति के साथ एक नई शुरुआत करना होता है. कई तीर्थयात्रियों के लिए उमराह जीवन बदल देने वाला अनुभव होता है.

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