आपने अक्सर सुना होगा कि किसी बच्चे को स्कूल जाते वक्त किडनैप कर लिया गया या किसी शख्स को अगवा कर लिया गया. लेकिन जरा सोचिए, अगर कोई आपको कहे कि अपहरण अंतरिक्ष में भी होता है, तो कैसा लगेगा? सुनकर पहली बार यही लगेगा कि यह क्या मजाक है, लेकिन यह सच है, फर्क बस इतना है कि यहां इंसानों का नहीं बल्कि सैटेलाइट्स को हाईजैक किया जाता है.
जिंदगी का अहम हिस्सा हैं सैटेलाइट
धरती से हजारों किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में घूम रही सैटेलाइट्स हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा हैं. ऐसे में मोबाइल नेटवर्क, इंटरनेट, टीवी, जीपीएस, मौसम की जानकारी और यहां तक कि सेना की गतिविधियां भी सैटेलाइट्स पर निर्भर रहती हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कोई हैकर इन सैटेलाइट्स को अपने कब्जे में ले लेता है, तो इसका असर सीधे करोड़ों लोगों पर पड़ सकता है.
रूस में हैक हुई सैटेलाइट
हाल ही में रिपोर्ट्स आई हैं कि रूस के हैकर्स ने एक सैटेलाइट को हैक कर लिया था. यह घटना दिखाती है कि आने वाले समय में स्पेस साइबर सिक्योरिटी कितना बड़ा मुद्दा बन सकता है. अगर कोई देश या संगठन सैटेलाइट हाइजैक कर लेता है, तो वह मैसेज को रोक सकता है, जीपीएस गड़बड़ा सकता है, बैंकिंग और एयरलाइंस जैसी सेवाएं ठप हो सकती हैं और यहां तक कि सैन्य ऑपरेशन भी खतरे में आ सकते हैं.
क्या सैटेलाइट हाईजैक संभव है?
तकनीकी विशेषज्ञों की मानें तो सैटेलाइट्स को कंट्रोल करने के लिए जमीन से रेडियो फ्रीक्वेंसी और कंप्यूटर नेटवर्क का इस्तेमाल होता है. अगर कोई हैकर इन कम्युनिकेशन चैनलों को तोड़ दे या हैक कर ले, तो सैटेलाइट पर वह कब्जा कर सकता है. 2018 में अमेरिका की साइबर सुरक्षा एजेंसी (CISA) ने भी चेतावनी दी थी कि सैटेलाइट्स पर साइबर अटैक का खतरा लगातार बढ़ रहा है.
संभावित नुकसान कितना बड़ा?
अगर किसी देश की सैटेलाइट हाईजैक हो जाए, तो इसके नतीजे बेहद खतरनाक हो सकते हैं. GPS बंद होने पर हवाई जहाज, जहाज और गाड़ियां रास्ता भटक सकते हैं. कम्युनिकेशन सैटेलाइट पर अटैक से मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट ठप हो सकता है. मौसम सैटेलाइट्स हाईजैक होने पर तूफान, बाढ़ जैसी आपदाओं की सटीक जानकारी नहीं मिल पाएगी. डिफेंस सैटेलाइट्स पर हमला से किसी देश की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह खतरे में पड़ सकती है.
साइबर सुरक्षा शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर एक बड़ी कम्युनिकेशन सैटेलाइट हैक हो जाए, तो कुछ ही मिनटों में अरबों डॉलर का नुकसान हो सकता है.
यह भी पढ़ें: अब मॉडर्न गुलामी का दौर! खरीद-फरोख्त हुई बंद, लेकिन इन देशों में हालात बेहद खराब