सऊदी अरब ने हज को लेकर इस बार कई नियमों में बदलाव किया है. जिसमें बच्चों की एंट्री बैन, वीजा नियमों में बदलाव, रिफंड को लेकर दिशा निर्देश शामिल हैं. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि कोई भी देश हज यात्रा के लिए कैसे कोटा निर्धारित करता है. आज हम आपको बताएंगे कि भारत और पाकिस्तान में हज को लेकर कितना कोटा है.
हज को लेकर सऊदी सरकार ने किया बदलाव
बता दें कि सऊदी अरब के हज और उमरा मंत्रालय ने अभी कुछ दिनों पहले बताया था कि हज के दौरान हर साल बढ़ती भीड़ के कारण बच्चों की एंट्री पर बैन लगाया गया है. सरकार का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर उन्हें हज करने से रोका गया है. इसके अलावा मंत्रालय का कहना है कि 2025 में उन्हीं लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो पहली बार हज करने के लिए आए हैं.
इसके अलावा सऊदी सरकार ने हज यात्रा नहीं कर पाने वाले जायरीन के लिए रिफंड को लेकर दिशा निर्देश जारी किया है. हालांकि रिफंड को लेकर कुछ शर्ते भी रखी गई हैं, इन शर्तों और नियमों के तहत ही किसी को रिफंड मिल सकता है. गौरतलब है कि हज 2025 के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुके हैं.
हज के लिए हर देश का कोटा
बता दें कि सभी देशों के लिए हज का एक कोटा होता है, उससे अधिक जायरीन हज की यात्रा पर नहीं जा सकते हैं. बता दें कि सऊदी अरब सरकार के नियमों के मुताबिक मुस्लिम देशों से हर 1000 की आबादी पर एक व्यक्ति हज यात्रा कर सकता है. हालांकि ये भी सच है कि हर देश अपने यहां से ज्यादा से ज्यादा लोगों को हज पर भेजने की कोशिश करता है. गौरतलब है कि भारत ने सऊदी अरब की सरकार के साथ हज कोटे को लेकर करार किया था. इसके मुताबिक बीते साल 1,75,025 जायरीन भेजने का कोटा तय हुआ था. इसमें 70 प्रतिशत केन्द्रीय हज कमेटी को मिला और 30 प्रतिशत प्राइवेट टूर एजेंट को मिला था.
पाकिस्तान के पास कितना कोटा?
बता दें कि हज को लेकर सभी देशों के लिए नियम 1000 की आबादी पर एक व्यक्ति का है. लेकिन कई बार सरकार इसको लेकर सऊदी सरकार से बातचीत करती है और ये कोटा बढ़ भी जाता है. जैसे साल 2023 के लिए पाकिस्तान को आवंटित हज कोटा 179,210 था. वहीं साल 2025 के लिए पाकिस्तान ने रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया है. वहीं साल 2025 के लिए पाकिस्तान में हज के लिए 1,79,210 आवेदन हुए हैं.
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