भारत में धर्मांतरण एक संवेदनशील मुद्दा रहा है. कई राज्यों ने जबरन, धोखे या लालच देकर धर्म परिवर्तन रोकने के लिए सख्त कानून बनाए हैं. इनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक और ओडिशा जैसे राज्य शामिल हैं. लेकिन हाल के बदलावों के बाद, उत्तर प्रदेश का धर्मांतरण विरोधी कानून देश में सबसे सख्त माना जा रहा है. इसी बीच राजस्थान सरकार भी धर्म परिवर्तन को लेकर सख्त कानून बनाने की तैयारी में है. 

क्या है राजस्थान के धर्मपरिवार्तन कानून में

राजस्थान सरकार अब जल्द ही एक बहुत कड़ा कानून लाने की तैयारी में है. राजस्थान की भजन लाल सरकार ने जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए कठोर प्रावधानों के साथ एक नया विधेयक लाने का निर्णय लिया है. राजस्थान विधिविरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक, 2025 के मसौदे के अनुसार, जबरन, छल से या शादी के जरिए धर्मांतरण कराने वालों के लिए 7-14 साल तक की कैद और कम से कम 5 लाख रुपये जुर्माना है. एससी/एसटी समुदाय या नाबालिक लड़की का धर्मांतरण किया जाता है तो ऐसे मामले में 10-20 साल तक जेल और 10 लाख तक जुर्माना का प्रावधान. सामूहिक धर्मांतरण में 20 साल से आजीवन कारावास और 25 लाख रुपये जुर्माना. चलिए जानते हैं यूपी समेत अन्य राज्यों में क्या हैं इसे लेकर कानून.

क्यों है यूपी का धर्मपरिवर्तन कानून सबसे सख्त?उत्तर प्रदेश में 2021 में लागू हुआ. उत्तर प्रदेश विधि-विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) अधिनियम 2024 में लाया गया था. इस संशोधन के बाद यह कानून और कड़ा हो गया. यूपी में धर्म परिवर्तन के कानून की बात की जाए तो यहां का कानून सबसे कठोर धर्मांतरण कानून में से एक माना जाता है. यहां अवैध धर्मांतरण के मामले में 10 लाख रुपये जुर्माना और 14 साल की सजा तक हो सकती है. वहीं नाबालिग महिला या अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्ति का धर्म परिवर्तन कराने पर 20 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है. ये सभी अपराध गैर-जमानती श्रेणी में रखे गए हैं. 

हरियाणा

यहां जबरन धर्मांतरण पर 1 से 5 साल की कैद और 1 लाख रुपये का जुर्माना है. नाबालिग या SC/ST के मामलों में 2 से 10 साल की सजा और 3 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. 

मध्य प्रदेश

यहां जबरन धर्मांतरण पर 10 साल तक की कैद और 1 लाख रुपये का जुर्माना है.

ओडिशा

यहां बलपूर्वक धर्म परिवर्तन पर 1 साल की कैद और 5,000 रुपये का जुर्माना है. जबकि नाबालिक, महिला या अनुसूचित जाति जनजाति का धर्म परिवर्तन कराने पर 2 साल कैद और 10 हजार रुपये जुर्माना का प्रावधान है.

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