बीते दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वो राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर 10 दिन के अंदर स्पष्ट रिपोर्ट दें. कोर्ट ने सरकार से सवाल किया है कि राहुल गांधी भारत के नागरिक हैं या नहीं. राहुल गांधी की नागरिकता पर उठाए गए सवाल से उनकी लोकसभा की सदस्यता खतरे में पड़ सकती है. कोर्ट ने सीधा केंद्र सरकार को पूछ लिया है कि यह बताइए कि राहुल गांधी भारत के नागरिक हैं या नहीं. इसी क्रम में जानते हैं कि अगर किसी अन्य नागरिक को भारत की नागरिकता साबित करनी पड़े या फिर नागरिकता लेनी हो इसको लेकर क्या नियम हैं. 

कैसे साबित करें भारत की नागरिकता

नागरिकता अधिनियम 1955 भारतीय संविधान लागू होने के बाद भारतीय नागरिकता लेने, इसको निर्धारित और रद्द करने के बारे में एक कानून है. यह काफी विस्तार से बताया गया है, लेकिन हम आपको इसे आसान भाषा में समझाते हैं. इस अधिनियम के अनुसार भारत में एकल नागरिक का प्रावधान है. इसका मतलब भारत का नागरिक किसी और देश का नागरिक नहीं हो सकता है. इस कानून में कई बार कुछ जरूरी बदलाव किए जा चुके हैं. इसके तहत कुछ प्रावधान होते हैं, जिसके अंतर्गत भारत की नागरिकता ली जा सकती है. भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए आपके पास भारतीय पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, राशन कार्ड, स्थायी निवास प्रमाण पत्र और भूमि या संपत्ति के दस्तावेज होने जरूरी हैं. 

जन्म से नागरिकता

पहले तो भारत में जन्म लेने वाले बच्चों को नागरिकता मिल जाती थी, लेकिन 1 जुलाई 1987 के बाद से 2 दिसंबर 2004 तक जन्म लेने वाले बच्चों के लिए एक शर्त यह भी है कि उनके माता-पिता में से कोई एक भारतीय नागरिक होने चाहिए.

3 दिसंबर 2004 के बाद से भारत में जन्म लेने वाला कोई भी शख्स जिसके माता-पिता दोनों भारतीय हों, या फिर कम से कम कोई एक भारतीय नागरिक हो और दूसरा अवैध प्रवासी न हो तो नागरिकता मिल जाएगी. 

रजिस्ट्रेशन होने पर

रजिस्ट्रेशन के जरिए भी भारत की नागरिकता मिल सकती है. लेकिन इसके लिए भी नियम तय हैं. भारतीय नागरिकता के लिए उस शख्स का भारत में 7 साल तक रहना जरूरी है.

भारतीय मूल का वो शख्स जो कि अविभाजित भारत के बाहर किसी देश का नागरिक है, मतलब अगर पर पाकिस्तान या बांग्लादेश का नागरिक है और वहां की नागरिकता छोड़कर भारत की नागरिकता चाहता हो.

जिसकी शादी किसी भारतीय से हुई हो और वो नागरिकता के आवेदन से पहले कम से कम सात साल तक भारत में रह चुका हो.

वो नाबालिग बच्चे जिनके माता-पिता भारतीय हैं.

या फिर राष्ट्रमंडल सदस्य देशों के नागरिक जो भारत में रह रहे हों, या फिर भारत सरकार की नौकरी कर रहे हों. वो भी आवेदन पत्र देकर भारत की नागरिकता ले सकते हैं. 

वंश के आधार पर

कोई ऐसा शख्स जिसका जन्म 26 जनवरी 1950 को या फिर इसके बाद भारत के बाहर हुआ हो, लेकिन उसके माता-पिता भारतीय नागरिक हों. 

10 दिसंबर 1992 के बाद और 3 दिसंबर 2004 के पहले भारत के बाहर जन्मे शख्स, जिसके माता-पिता में से कोई एक भारतीय नागरिक हो. 

जिसका जन्म 3 दिसंबर 2004 के बाद हो और वह यह साबित कर कि उसके पास किसी और देश का पासपोर्ट नहीं है. जन्म के एक साल के अंदर ही उसका भारतीय दूतावास में रजिस्ट्रेशन करा दिया जाए.

भूमि विस्तार के जरिए

अगर किसी नए भू-भाग को भारत में शामिल किया जाता है, तो वहां रहने वाले लोगों को स्वत: ही भारत की नागरिकता मिल जाएगी. 

नेचुरलाइजेशन

नेचुरलाइजेशन के जरिए भी भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है. यदि कोई शख्स 12 साल से भारत में रह रहा है तो वह सिटीजनशिप एक्ट के थर्ड शेड्यूल की कभी क्वालिफिकेशन को पूरा करता है तो उसे भी नागरिकता मिलती है. 

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