बीते दिन 88 साल की उम्र में पोप फ्रांसिस का निधन हो गया. लंबी बीमारी के बाद उन्होंने अंतिम सांस ली. वेटिकन ने एक वीडियो जारी करके उनके निधन की पुष्टि की. पोप फ्रांसिस के निधन के बाद वेटकन में 9 दिन का शोक घोषित किया गया है. इस दौरान सेंट पीटर्स बेसिलिका में पोप के पार्थिव शरीर को रखा जाएगा और लोग उनके अंतिम दर्शन कर पाएंगे. उनकी स्मृति में भारत ने भी तीन दिवसीय राजकीय शोक का एलान किया है. यह 22 अप्रैल से 24 अप्रैल तक चलेगा. इस दौरान भारत के सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और किसी तरह के आधिकारिक मनोरंजन वाले कार्यक्रम का आयोजन नहीं होगा.
भारत में वैसे तो आधिकारिक प्रोटोकॉल के अनुसार राजकीय शोक एक हफ्ते यानि सात दिनों का होता है. इसकी घोषणा वर्तमान और पूर्व राष्ट्रपति या फिर प्रधानमंत्री के निधन पर ही की जाती है. चलिए जानते हैं कि भारत में सबसे ज्यादा दिन का राजकीय शोक किसके निधन पर घोषित हुआ था.
सबसे ज्यादा दिनों तक शोक किसके निधन पर मनाया गया था
भारत में कई राजनेताओं की हत्या हो चुकी है, जिनके निधन पर देश को दुख हुआ था. लेकिन सबसे ज्यादा दुख भारतीयों को 31 अक्टूबर 1984 को हुआ था, जब देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर उनके ही अंगरक्षकों ने 30 से ज्यादा राउंड फायर कर दिए थे. इस हत्याकांड के बाद से पूरा देश सन्न रह गया था. राष्ट्र नेता की मृत्यु ने पूरे देश को शोक में डुबो दिया था. इंदिरा गांधी के निधन के बाद देश में 12 दिनों का राजकीय शोक हुआ था. ये अब तक का सबसे लंबा राजकीय शोक रहा है. इससे पहले भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद भी 12 दिनों का राजकीय शोक हुआ था.
भारत में पहला राष्ट्रीय शोक किसका हुआ था
भारत में राजकीय शोक में फ्लैग कोड ऑफ इंडिया के नियम के अनुसार राष्ट्रीय और राजकीय शोक के दौरान हर स्थान पर लगे राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया जाता है. वहीं दूसरे देशों में भी स्थित भारतीय दूतावासों पर लगे तिरंगे को आधे झुका दिया जाता है. देश-प्रदेश में किसी भी तरह का कोई औपचारिक और सरकारी कार्यक्रम आयोजन नहीं किया जाता है. आधिकारिक प्रोटोकॉल के अनुसार राजकीय शोक सात दिनों का होता है. आजादी के बाद भारत में पहला राष्ट्रीय शोक महात्मा गांधी का हुआ था. उनका अंतिम संस्कार भी राजकीय सम्मान के साथ किया गया था.
राज्य सरकारें तय करती हैं शोक के दिन
वहीं राज्यों में शोक कितने दिन का होगा, यह तय करने का अधिकार राज्य सरकारों को खुद दिया गया है. उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन पर राज्य में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया था. वहीं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर उत्तर प्रदेश में सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया था और डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर भी सात दिन का शोक था.
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