भारतीय राष्ट्रगान के रचयिता रविन्द्रनाथ टैगोर को संगीत-साहित्य सम्राट भी कहा जाता है. वो अपनी कविताओं गीतों और रचनाओं के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने भारत के लिए तो राष्ट्रगान तो लिखा ही, साथ ही दो पड़ोसी देशों का राष्ट्रगान लिखने में भी उनका अहम योगदान रहा है. तो चलिए उन देशों के बारे में जानते हैं.


इन देशों के लिए भी रविन्द्रनाथ टैगोर ने लिखा था राष्ट्रगान


भारत का राष्ट्रगान किसने लिखा जब भी आपसे ये सवाल किया जाता है तो आपकी जुबां पर संगीत सम्राट रवीन्द्रनाथ टैगोर का नाम आता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दो और ऐसे देश हैं जिनके राष्ट्रगान के लेखक भी रविन्द्रनाथ टैगोर ही रहे हैं. दरअसल उन देशों का नाम भारत और बांग्लादेश है. उन्होंने जब उन देशों के लिए गीत लिखे तो उन्हें इतना पसंद किया गया कि उन्हें वहां राष्ट्रगान के रूप में ही अपना लिया गया.


भारतीय राष्ट्रगानजन गण मनऔर बांग्लादेश का राष्ट्रगानआमार सोनार बांग्लाट रविन्द्रनाथ टैगोर ने लिखा था. इसके अलावा बात श्रीलंका की करें तो वहां का राष्ट्रगानश्रीलंका मथाका एक हिस्सा भी रवीन्द्रनाथ टैगोर की कविता से ही लिया गया था. श्रीलंका मथा लिखने वाले लेखक आनंद समरकून शांति निकेतन में रवींन्द्रनाथ टैगोर के पास ही रहे थे.


राष्ट्रगान का पहली बार हिंदी में किसने लिखा था अनुवाद?


राष्ट्रगान का पहली बार हिंदी में अनुवाद आबिद अली ने साल 1911 में लिखा था. जिसे बाद में यानी 24 जनवरी 1950 को औपचारिक रूप से भारत का राष्ट्रगान अंगीकृत किया गया था. बता दें राष्ट्रगान का गीत और संगीत नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने 1911 में दिया था. वहीं भारत की संविधान सभा में जन-गण-मन को 24 जनवरी 1950 को अपनाया गया था


कितने समय का होता है भारत का राष्ट्रगान?


भारत का राष्ट्रगान 52 सेकंड का होता है. जब ये राष्ट्रगान गाया जाता है तो श्रोताओं को सावधान की मुद्र में खड़े रहना होता है. वहीं राष्ट्रगान किन अवसरों पर गाया जाना है इसके लिए भी कुछ नियम होते हैं. कुछ मौकों पर राष्ट्रगान की पहली और आखिरी की पंक्ति ही गायी जाती है जिसमें 20 सेकंड का समय लगता है.


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