पौधे भी इंसानों की तरह आपस में बात करते हैं. ये बात सुनकर आपको थोड़ा ताज्जुब हो रहा होगा. लेकिन ये सच हैं. पौधे भी एक-दूसरे से बात करते हैं, और वैज्ञानिकों को इसके बारे में 1980 के दशक से ही पता है. हालांकि वैज्ञानिक यह नहीं समझ पाए थे कि आखिर पौधे यह सबकुछ कर कैसे लेते हैं. आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे. 


क्या कहता है रिसर्च


जापान के वैज्ञानिकों ने पौधों के ऊपर रिसर्च किया है. इतना ही नहीं अपने रिसर्च में शोधकर्ताओं ने बाकायदा वीडियो भी बनाया है. इस वीडियो में पौधों को एक-दूसरे के साथ संपर्क करते हुए देखा जा सकता है. शोधकर्ताओं के मुताबिक पौधे जब भी पड़ोस में कोई खतरा महसूस करते हैं, वे एक-दूसरे को फौरन अलर्ट करने लगते हैं. वैज्ञानिकों ने पौधों की ऐसी 80 प्रजातियों की पहचान की है, जो संकट के समय एक-दूसरे की सुरक्षा सुनिश्चित करने लगते हैं. वैज्ञानिक यह बात अच्छे से जानते थे कि पौधे एक-दूसरे को संकेत देते हैं. लेकिन दूसरा पौधा उसे कैसे ग्रहण करता था, इसका खुलासा जापान के वैज्ञानिकों ने अपने रिसर्च अध्ययन में किया है.


पौधों के बातचीत करने का वीडियो 


जापानी वैज्ञानिकों की एक टीम ने अपने रिसर्च के जरिए इस पहेली को सुलझाया है. नेचर कम्युनिकेशंस में पब्लिश हुई स्टडी रिपोर्ट में जापान की साइटामा यूनिवर्सिटी में मॉलिक्यूलर बायोलॉजिस्ट यूरी अरातानी और ताकुया उमुरा ने दिखाया कि खतरे का पता चलने पर पौधे कैसे व्यवहार करते हैं.



 


वैज्ञानिकों का रिसर्च 


शोधकर्ताओं के मुताबिक उन्होंने प्रयोग के तौर पर टमाटर के पौधे के पत्ते पर कई कैटरलिपर छोड़े. इसके बाद उन्होंने पाया कि खतरे का संकेत मिलते ही पत्ते की सुरक्षात्मक कोशिकाएं स्टीमेटा एक्टिव हो गई. बता दें कि वैज्ञानिकों द्वारा जारी किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि कोशिका के एक्टिव होते ही पत्तियां चमक उठती हैं. यह दृश्य रियल टाइम इमेजिंग तकीनक से फिल्माया गया है.