आज भारत और पाकिस्तान एक साथ आजाद होने के बाद भारत विकास के रास्ते मे काफी आगे है. भारत में काफी आजादी है, लेकिन पाकिस्तान की कहानी कुछ और है. एक धर्म पर आधारित देश होने की वजह से पाकिस्तान के कानून में कई ऐसे नियम हैं, जो शायद आपको पसंद ना आए. हम आपको पाकिस्तान के बारे में काफी कुछ बताते रहे हैं और आज बात करते हैं एक ऐसे नियम की, जो भारत से अलग है. यह नियम शराब से जुड़ा हुआ है और इससे शराब की बिक्री प्रभावित हो रही है. 


तो जानते हैं पाकिस्तान में शराब को लेकर क्या नियम है और शराब की ब्रिकी के लिए क्या व्यवस्था है. दरअसल, कई फैक्ट ऐसे भी शेयर किए जाते हैं, जिसमें कहा जाता है कि पाकिस्तान में शराब की बिक्री बैन है, तो जानते हैं आखिर इसमें कितनी सच्चाई है.


क्या पाकिस्तान में शराब बैन है?


अगर पाकिस्तान की बात करें तो ये बात सच है कि पाकिस्तान में शराब नहीं मिलती है. आपको बता दें कि इस्लाम में शराब पीने को हराम माना गया है और पाकिस्तान इस्लामिक देश जिस वजह से पाकिस्तान के संविधान में कई कानून इस्लाम को ध्यान में रखते हुए मनाए गए हैं. पाकिस्तान के लोगों की लाइफस्टाइल भी इस्लाम के नियमों के हिसाब से ही है. ऐसे में इस्लामिक देश होने की वजह से पाकिस्तान में शराब पर बैन लगाया गया है. 


बता दें कि साल 1947 में जब पाकिस्तान आजाद हुआ तो यहां की नीतियां शराब को लेकर उदार थीं. हालांकि, मुस्लिम प्रधान देश होने के बाद से इसे लेकर काफी आंदोलन हुए और इसका विरोध किया गया, जिसका नतीजा ये हुआ कि जुल्फिकार अली भुट्टो ने पाकिस्तान में शराब पर बैन लगा दिया. मगर फिर भी शराब लोग बार, क्लब और शराब की दुकानों में शराब पी रहे थे, फिर 9 फरवरी 1979 को जनरल जिया-उल-हक के सैन्य शासन में इसे पूरी तरह बैन कर दिया गया. अब पाकिस्तान में शराब बेचना अपराध है और जो लोग ऐसा करते पाए जाते हैं, तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाती है. 


यहां तक कि जब कोई विदेश से पाकिस्तान जाते हैं तो एयरपोर्ट पर ड्यूटी फ्री दुकानों से भी शराब नहीं खरीदी जा सकती है. पाकिस्तान में शराब की एंट्री पूरी तरह से बैन है. लेकिन, कहा जाता है कि अभी भी अवैध तरीके से शराब का बिजनेस किया जा रहा है और लोग शराब पीते हैं. 


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