पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते काफी बिगड़ चुके हैं. भारत ने इस आतंकी हमले का जवाब देने के लिए पाकिस्तान और पीओके में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को मिसाइलों से ध्वस्त कर दिया था. भारत ने अपनी इस जवाबी कार्रवाई को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया है, इस कार्रवाई के बाद दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष भी देखे गया था, जो फिलहाल सीजफायर के बाद शांत है.
अब भारत ने पूरी दुनिया में पाकिस्तान के आतंक के चेहरे को उजागर करने के लिए 7 ऑल पार्टी डेलिगेशन को चुना है. इस 59 सदस्यों वाले 7 ग्रुप में 51 सांसद और 8 राजदूत शामिल हैं, जो दुनिया के बड़े देशों, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों का दौरा करेंगे और पाकिस्तान का चेहरा बेनकाब करेंगे.
पाकिस्तान ने भी बनाया अपना डेलिगेशन
भारत के डेलिगेशन के बाद खबर आ रही है कि पाकिस्तान की तरफ से भी डेलिगेशन बनाया गया है. पाकिस्तान के इस डेलिगेशन का नेतृत्व बिलावल भुट्टो करेंगे. आपको बता दें कि बिलावल भुट्टो पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री रह चुके हैं. पाकिस्तान का यह फैसला भारत के डेलिगेशन के अनाउंसमेंट के कुछ देर बाद ही आया है. इसकी जानकारी देते हुए भुट्टो ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि 'प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की तरफ से उनसे कहा गया कि वे इस डेलिगेशन का नेतृत्व करें'. भुट्टो ने आगे कहा कि मैं इस जिम्मेदारी को स्वीकार करके खुद को बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं, मैं इस कठिन समय में पाकिस्तान की सेवा करने के लिए वचनबद्ध हूं.
कौन-कौन शामिल है पाकिस्तान की प्रतिनिधिमंडल टीम में
पाकिस्तान की तरफ से इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, फिलहाल ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि पाकिस्तान की इस प्रतिनिधिमंडल टीम में पूर्व उप विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार, पूर्व रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर खान, पूर्व विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी को शामिल किया जा सकता है. इसके अलावा यह भी खबर है कि पाकिस्तान के पूर्व अमेरिकी राजदूत तारीक फातिमी को रूस भेजा जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भुट्टो की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल यूरोप जाएगा और हाल ही में हुए भारत और पाकिस्तान के तनाव के बारे में जानकारी देगा. पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार जो कि विदेश मंत्री भी हैं उन्होंने बताया है कि इस प्रतिनिधिमंडल को कुछ महत्वपूर्ण देशों में भेजा जाएगा. डार ने मीडिया को बताया कि पाकिस्तान की कूटनीतिक पहुंच अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, फ्रांस और रूस तक विस्तारित होगी तथा हालिया शत्रुता पर इस्लामाबाद की स्थिति को उजागर किया जाएगा.
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