इंडियन आर्मी के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को हिलाकर रख दिया है. भारत ने 6-7 मई के दरमियानी रात पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर मिसाइल से हमला कर आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया और पूरी तरह से उनके लॉन्च पैड को तबाह कर दिया. इस हमले में आतंकी मसूद अजहर के परिवार के भी कई लोगों की मौत हुई है. भारतीय सेना की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, भारत ने पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल से हमला बोला. 

इस हमले के बाद पाकिस्तान की ओर से लगातार बयानबाजी हो रही है. आधिकारिक बयान के मुताबिक, हमले में 26 लोगों की मौत हुई है और 46 लोग घायल हुए हैं. पाकिस्तानी मीडिया की ओर से कहा गया है कि भारतीय सेना के हमले में मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. भारत की इस एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान से कई तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिसमें तबाही का मंजर साफ दिख रहा है. हालांकि, कुछ तस्वीरों ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है. 

पाकिस्तानी झंडे में लिपटे दिखे आतंकियों के शव

पाकिस्तान में भारत की एयरस्ट्राइक के बाद कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही हैं. कुछ तस्वीरों में आतंकियों के ताबूतों पर पाकिस्तानी झंडा लिपटा दिख रहा है. सोशल मीडिया पद दावा किया जा रहा है कि भारत की एयरस्ट्राइक में मारे गए आतंकियों को पाकिस्तान में शहीदों की तरह सम्मान दिया गया है और उनके शवों को पाकिस्तानी झंडे में लपेटकर ले जाया गया. वायरल तस्वीरों में पाकिस्तानी झंडे में लिपटे कुछ ताबूत एक ट्रैक्टर पर रखे दिख रहे हैं. 

क्या भारत की तरह ही है पाकिस्तान में नियम

भारत में किसी सैनिक की मौत होने पर उसे उचित सम्मान दिया जाता है. सैनिक के शव को तिरंगे में लपेटा जाता है और सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी जाती है. पाकिस्तान में भी ऐसा ही नियम है और सैनिकों के शवों को पाकिस्तानी झंडे में लपेटा जाता है. हालांकि, 'ऑपरेशन सिंदूर' में मारे गए आतंकियों को भी पाकिस्तान ने शहीदों जैसा सम्मान दिया है. ऐसा ही एक मामला 2016 में सामने आया था, जब पाकिस्तान की एक मस्जिद में हुए आत्मघाती हमले में मारे गए कैडेट्स को पाकिस्तानी झंडे में लपेटा गया था. 

पाकिस्तानी झंडे को लेकर क्या है नियम?

पाकिस्तान के फ्लैग कोड के मुताबिक, किसी शहीद के शव को पाकिस्तानी झंडे में लपेटा जाएगा. हालांकि, इस दौरान इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि किसी भी हाल में पाकिस्तानी झंडे को कब्र के साथ दफन न किया जाए. शव को दफन से पहले झंडे को हटा लिया जाता है और दफन के बाद उसे कब्र के ऊपर रखा जाता है. 

यह भी पढ़ें: क्या होती हैं लेजर गाइडेड मिसाइल? भारत से पहले इन देशों ने भी किया है इनका इस्तेमाल