क्या होती हैं लेजर गाइडेड मिसाइल? भारत से पहले इन देशों ने भी किया है इनका इस्तेमाल
लेजर गाइडेड मिसाइलें एक तरह की मिसाइलें होती हैं, जिन्हें लक्ष्य पर लेजर बीम के माध्यम से निर्देशित किया जाता है. डीआरडीओ ने लेजर गाइडेड मिसाइल को मल्टी प्लेटफॉर्म लॉन्च क्षमता के साथ विकसित किया है.
लेजर गाइडेड मिसाइलों का इस्तेमाल एक सटीक निशाने पर मार करने के लिए किया जाता है. इससे टारगेट लॉक करने का काम जमीन पर मौजूद बेस से ही कर दिया जाता है. यह मिसाइल इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग का भी आसानी से सामना कर लेती है. इसका इस्तेमाल जमीन और जहाज दोनों जगहों पर किया जा सकता है.
लेजर गाइडेड मिसाइलें 500 से 2000 पाउंड के बम हैं, जो लेजर के बूते पर सटीक हमला करने के लिए मशहूर है. इसे कम ऊंचाई और पहाड़ी इलाकों में ज्यादा असरदार माना जाता है. इसमें कम्युनिकेशन और सेटेलाइट सिग्नल्स को जाम करने और एडवांस इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताएं हैं.
भारत ने पहली बार भारत 30 किलोवाट लेजर आधारित हथियार प्रणाली का इस्तेमाल किया है. यह उन चुनिंदा देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है, जिनके पास एडवांस लेजर वेपन की क्षमताएं हैं. इस टेक्नोलॉजी को रक्षा अनुसंधान और डीआरडीओ ने डेवलेप किया है. ऐसे में चलिए आपको बताते हैं कि भारत से पहले किन देशों ने लेजर गाइडेड मिसाइलों का इस्तेमाल किया है.
भारत सहित अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, जापान और इजराइल के पास लेजर गाइडेड मिसाइल हैं. इनके पास लेटेस्ट टेकनोलॉजी वाले लेजर हथियार हैं. अमेरिका, रूस और चीन ने लेजर हथियार का इस्तेमाल किया है. इसके अलावा इजराइल भी लेजर गाइडेड मिसाइल का इस्तेमाल कर चुका है.