भारत में 200 सालों तक राज करने वाले अंग्रेजों ने भारतीयों का दासतां के बेड़ियों में बांध लिया था. भारत पर राज करने केे दौरान अंग्रेजों ने कई लोगों को क्रूर तरीके से मौत के घाट उतारा. ऐसे में बहुत कम ही लोग जानते हैं कि आखिर अंग्रेजों ने भारत में किस दिन पहली बार एंट्री ली थी.


इस दिन पहली बार भारत में आए थे अंग्रेज
अंग्रेजों ने भारत में फूट डालो और राज करो की नीति से राज करना शुरू किया था. वहीं पहली बार भारत में प्रवेश की बात करें तो इतिहासकारों के मुताबिक, अंग्रेजों ने भारत में 24 अगस्त 1608 को आगमन किया था. उनका उद्देश्य भारत में व्यापार करना था. ऐसे में अंग्रेजों ने पहली बार जेम्स प्रथम के राजदूत सर थॉमस रो की अगुवाई में खोला था. ये कारखाना सूरत में खोला गया था. इसके बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपना दूसरा कारखाना मद्रास में खोला.


मतभेद का उठाया लाभ
व्यापार के दौरान अंग्रेजों ने पाया कि भारत सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक तौर पर पूरी तरह अस्त-व्यस्त है साथ ही यहां के लोगों में आपसी मतभेद है. इन्हीं मतभेद को देखकर अंग्रेजों ने भारत पर शासन करने की दिशा में कूटनीति करना शुरू कर दी थी. साल 1750 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला को पराजित कर दिया था. इसके बाद धीरे-धीरे अपनी कूटनीति से अंग्रेजों ने दूसरे राज्यों में भी अपना शासन स्थापित किया. इसके साथ ही भारत में ईस्ट इंंडिया कंपनी का शासन स्थापित हो गया था. 


भारत में कब शुरू हुआ स्वतंत्रता संग्राम?
भारत में पहली बार स्वतंत्रता आंदोलन साल 1857 के विद्रोह के बाद शुरू हुआ था. जिसके बाद 1858 में महाराष्ट्र में ईस्ट इंंडिया कंपनी के शासन का अंत हो गया. ईस्ट इंडिया कंपनी के खत्म होने के बाद भारत में ब्रिटिश क्राउन का भारत पर सीधा नियंत्रण हो गया था. जिसे ब्रिटिश राज के नाम से जाना जाता है.      


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