पृथ्वी एक है, आकाश एक है...लेकिन इंसानों ने आपस में कुछ सीमाएं बनाई हैं जिन्हें बिना इजाजत के पार नहीं किया जा सकता है. हालांकि, एक ऐसी ही सीमा अदृश्य रूप से प्रकृति ने भी खींची है. इस रेखा को ना तो आकाश में उड़ता कोई पक्षी पार करता है और ना समुद्र में तैरने वाली मछलियां. यहां तक कि जमीन पर रहने वाले जानवर भी इस सीमा को पार करने की गलती नहीं करते. यही वजह है कि इस सीमा के दोनों ओर की दुनिया बिल्कुल अलग-अलग लगती है.


कौन सी है वो लाइन


हम जिस बॉर्डर लाइन की बात कर रहे हैं वालेस लाइन (Wallace Line) कहते हैं. इसे एक ब्रिटिश वैज्ञानिक अल्फ्रेड रसेल वालेस ने खोजा था. इंसान इस लाइन को अपनी आंखो से नहीं देख सकता. यहां तक कि किसी मशीन की मदद से भी आप यहां कोई लाइन नहीं देख सकते. लेकिन यहां रहने वाले जीवों को ये लाइन महसूस होती है. यही वजह है कि इस बॉर्डर लाइन को इंसानों के अलावा कोई और जीव पार नहीं करता.


कहां है ये लाइन?


दुनिया की सबसे अनोखी और अदृश्य लाइन बाली और लम्बोक के बीच है. इन दोनों के बीच लगभग 35 किलोमीटर चौड़ी एक सीमा है जो समुद्र, आकाश और धरती दोनों पर रहने वाले जीवों को प्रभावित करती है. अगर आप इन दो सटी जगहों पर जाकर देखेंगे तो पाएंगे कि जो जीव, पौधे, पक्षी, मछलियां, जानवर बाली में पाए जाते हैं वो लम्बोक में नहीं पाए जाते. दोनों एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि लम्बोक का जो हिस्सा है वो कहीं और से कट कर आया और बाली के पास सट गया. ये बिल्कुल वैसे ही है जैसे कहा जाता है कि कभी अफ्रीका का एक हिस्सा कट कर एशिया से जुड़ गया था.


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