National Milk Day 2022: लगभग सभी बच्चों की मां अपने बच्चों को दूध पिलाते हुए कहती हैं कि दूध पियोगे तो हमेशा स्ट्रांग रहोगे और जल्दी बड़े होंगे. दूध में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं, इसलिए यह एक स्वस्थ पेय पदार्थ है. श्वेत क्रांति के जनक डॉ वर्गीज कुरियन (Dr. Verghese Kurien) के जन्मदिवस को हर साल भारत में मिल्क डे के रूप में मनाया जाता है. भारत में यह दिन 26 नवंबर को होता है.


इन्हें भारत के मिल्कमैन के नाम से भी जाना जाता है. दूध शाकाहार है या मांसाहार, इस बात को लेकर कई बुद्धिजीवी आज भी आपस में बहस करते रहते हैं. कुछ लोगों का मानना है कि दूध शाकाहार है. वहीं, कुछ लोग इसकी गिनती मांसाहार में करते हैं. अपने मत के पक्ष में लोग कई तरह के तर्क भी पेश करते हैं. आइए जानते हैं वो कौन-से तर्क हैं जिनके आधार पर लोग इसे शाकाहार या मांसाहार की श्रेणी में रखते हैं.


वीगनिस्म करता है दूध के शाकाहारी होने का विरोध
वैसे तो शाकाहारी लोग दूध को शाकाहार मानने में ही सबसे ज्यादा खुश हैं, क्योंकि ऐसा होने से उन्हें अपराध बोध से मुक्ति मिलती है और वह आजीवन दूध का सेवन कर सकते हैं. जब से लोगों में वीगनिस्म के प्रति जागृति बढ़ रही है, तब से दूध पर आपत्ति भी बढ़ने लगी है. खासकर वीगन लोगों को इस पर घोर आपत्ति है कि दूध को शाकाहार क्यों कहा जाता है? मजे की बात तो यह है कि जब दूध को शाकाहार की श्रेणी से बाहर करने की बात आती है या मांसाहार कहा जाता है तो मांसाहारी लोग इसका पूरी तरह से समर्थन करते हैं. शायद ऐसा करने से मांसाहारी लोगों का अपराधबोध भी कम हो जाता है. आइए जानते हैं लोगों के उन विचारों को जिनके आधार पर वो दूध को मांसाहार मानते हैं.


1. शाकाहार और मांसाहार शब्दों से ही साफ बयान होता है कि कौन सा खाद्य या पेय पदार्थ किस श्रेणी में रखा जा सकता है. शाकाहार से स्पष्ट है कि सब्जी, फल, अनाज पानी जैसे पदार्थ जो किसी भी प्राणी से नहीं प्रकृति से प्राप्त होते हैं और जिन्हें प्राप्त करने के लिए किसी प्राणी को मारा नही जाता या कष्ट नहीं दिया जाता शाकाहारी होते हैं. वहीं, मांस, अंडा, दूध किसी भी पेड़ से उत्पन्न होते बल्कि इन्हें प्राप्त करने के लिए किसी जीव की हत्या करनी पड़ती है या उसे कुछ कष्ट देना पड़ता है. तब कहीं जाकर ये चीजें हमारी डाइनिंग टेबल तक पहुंचती हैं.


2. शाकाहार भोजन प्राप्त करने के लिए हम धरती में बीज लगाकर पौधे या वृक्ष तैयार करते हैं. इन पौधों से ही फल या सब्जी या अनाज प्राप्त होता है. कुछ लोगों का कहना है कि जब हम फल सब्जी या अनाज प्राप्त करते हैं तो किसी को तकलीफ़ नहीं देते हैं. किसी फलदार वृक्ष को पत्थर मारने से वह भागते या नाराज नहीं होते हैं और न ही अपना बचाव करते हैं, बल्कि खुशी-खुशी अपने फल हमें दे देते हैं. वहीं दूसरी ओर मांसाहार प्राप्त करने के लिए हमें प्राणी को तकलीफ़ देनी पड़ती है या उसकी हत्या करना पड़ती है. वह प्राणी अपनी रक्षा के लिए आप पर हमला कर सकता है या बचाव के लिए भाग सकता है.


3. दूध प्रकृति में स्तनधारी प्राणियों के बच्चों के प्रारंभिक शारीरिक विकास के लिए होता है. दूध भी खून की ही तरह तरल कोशिकाओं का समूह होता है तो यह शाकाहारी नहीं मांसाहारी है. जानवरों से मिलने वाला दूध मांसाहारी होता है. सोयाबीन या मूंगफली से शाकाहारी दूध प्राप्त किया जा सकता है और इस दूध में शाकाहारी होने के साथ साथ किसी भी प्राणी से प्राप्त दूध के मुकाबले ज्यादा गुण होते हैं. इसी तरह के कई तर्क हैं जिनके आधार पर दूध को लोग मांसाहार मानते हैं.


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