अंतरिक्ष अनगिनत रहस्यों से भरा हुआ है. वैज्ञानिक अंतरिक्ष में मानव जीवन की संभावनाएं तलाश रहे हैं. जबकि अंतरिक्ष से कोई न कोई खतरा पृथ्वी पर आता रहता है. आपने कई बार सुना होगा कि अंतरिक्ष से कोई क्षु्द्रग्रह (एस्टेरॉयड) पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है. अब सवाल यह है कि क्या नासा के वैज्ञानिक इन एस्टेरॉयड की दिशा बदल सकते हैं और क्या वे पृथ्वी को संभावित तबाही से बचा सकते हैं? 

बता दें, वैज्ञानिकों ने एक ऐसे ही एस्टेरॉयड का पता लगाया है, जो पृथ्वी की तरफ तेजी से बढ़ रहा है. इस एस्टेरॉयड को 2024 YR4 नाम दिया गया है. कहा जा रहा है कि यह एस्टेरॉयड पृथ्वी से टकरा सकता है, जिससे एक पूरा शहर तबाह हो जाएगा. 

क्या कर सकता है नासा

वर्तमान में नासा के पास ऐसी कोई तकनीक उपलब्ध नहीं है कि वह पृथ्वी की तरफ आ रहे एस्टेरॉयड की दिशा को पूरी तरह बदल सके. हालांकि, नासा इसके प्रभाव को जरूर कम कर सकता है. इसके तहत एस्टेरॉयड के प्रभाव वाले क्षेत्र को खाली कराना और उसकी दिशा को दूसरी तरफ मोड़ना शामिल है. 

नासा ने किया था प्रयोग

बता दें, नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने एस्टेरॉयड की दिशा बदलने वाला एक परीक्षण मिशन किया था. नासा ने इस परीक्षण के तहत DART मिशन भेजा था. इसमें एक रेफ्रिजरेटर के आकार के स्पेसक्राफ्ट की एस्टेरॉयड डॉयमॉफोर्स से टक्कर कराई गई थी. इस टक्कर के बाद डॉयमॉफोर्स एस्टेरॉयड से बड़ी मात्रा में धूल और पत्थर निकले थे, जो अंतरिक्ष में फैल गए थे. यह टक्कर 26 सितंबर, 2022 को हुई थी. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि टक्कर के बाद जो मलबा निकला, तो मालगाड़ी के सात डिब्बों को भरने के बराबर थी. 

क्यों किया गया था प्रयोग

नासा ने यह प्रयोग एस्टेरॉयड की पृथ्वी से होने वाली टक्कर को रोकने के लिए किया था. योजना के मुताबिक, अगर भविष्य में कोई बड़ा एस्टेरॉयड पृथ्वी की तरफ आता है तो एक बड़े आकार के स्पेसक्राफ्ट से उसकी टक्कर कराकर एस्टेरॉयड की दिशा को मोड़ा जा सकता है, जिससे पृथ्वी की तरफ आ रहे एस्टेरॉयड की दिशा को बदला जा सके. इस तरह का डार्ट पहला मिशन था. दिसंबर, 2026 में 'हेरा मिशन' द्वारा परीक्षण के परिणामों की पुष्टि होने की उम्मीद है।

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