Mughal and Vijayanagara Empire: भारतीय इतिहास ने दो शक्तिशाली साम्राज्यों का उदय देखा है. उत्तर में मुगल और दक्षिण में विजयनगर. यह दोनों ही सांस्कृतिक, प्रशासनिक और युद्ध कला में काफी ज्यादा मजबूत थे. लेकिन इसके बावजूद भी दोनों की सैन्य शक्तियां काफी अलग-अलग थी. आइए जानते हैं कि दोनों में से किस साम्राज्य की सेना ज्यादा एडवांस्ड थी.

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मुगल सैन्य शक्ति 

मुगलों को तोपखाने का फायदा सबसे ज्यादा था. पानीपत के पहले युद्ध 1526 में बाबर की जीत भारतीय युद्ध में एक बड़ा मोड थी. जहां इब्राहिम लोदी अपनी विशाल सेना के साथ चल रहा था, वहीं मुगलों ने मैदानी तोपखाने और बारूदी हथियारों का इस्तेमाल किया. उन्हें इस तकनीक का फायदा संरचनाओं को तोड़ने और युद्ध क्षेत्र पर नियंत्रण करने में मिला. 

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इसी के साथ मुगल घुड़सवार सेना एक और बड़ी शक्ति थी. मुगलों के घोड़े मध्य एशियाई नसलों के थे. इन्हें रफ्तार,‌ अनुशासन और युद्ध क्षेत्र में युद्ध अभ्यास के लिए प्रशिक्षित किया गया था. इसी के साथ मुगलों की युद्ध रणनीति भी काफी ज्यादा एडवांस थी. उन्होंने तुलुगमा जैसी मध्य एशियाई मैदानी राजनीति का इस्तेमाल किया. यह रणनीति एक प्रकार की घेराबंदी थी जिससे उन्हें कई तरफ से बड़ी सेनाओं को घेरने में मदद मिली. 

विजयनगर की सेना

विजयनगर साम्राज्य के पास मध्यकालीन भारत की सबसे बड़ी सेनाओं में से एक थी. विजयनगर की सेना में पैदल सेना, घुड़सवार सेना और सबसे खास तौर पर बड़ी संख्या में युद्ध हाथी शामिल थे. हालांकि हाथियों पर विजयनगर साम्राज्य की निर्भरता अंत में उन्हीं के खिलाफ चली गई. दरअसल हाथी भले ही विशाल और डरावने थे लेकिन तोपखाने की मार से बच नहीं सकते थे. 

विजयनगर की सेना हथियारों में तकनीकी रूप से पिछड़ी हुई थी. उनके तीरंदाज अभी भी पारंपरिक बांस के धनुष का ही इस्तेमाल करते थे. वहीं मुगल मैच लॉक गन और तोप का इस्तेमाल कर रहे थे. इसी के साथ विजयनगर सेना की संगठनात्मक संरचना भी काफी कमजोरियों को पैदा करती थी. सेना का ज्यादातर हिस्सा नायक द्वारा आपूर्ति किए गए सैनिकों से बना था. इसका मतलब था कि ज्यादातर क्षणों में एकता और कमान अनुशासन टूट सकता था. और ठीक ऐसा तालिकोटा के 1565 के युद्ध के दौरान हुआ. इस युद्ध में आंतरिक समन्वय विफल हो गया और इस साम्राज्य का पतन हुआ.

अगर दोनों साम्राज्य की सेनाओं की बात करें तो दोनों ही अपने समय में काफी एडवांस थी, लेकिन उनकी ताकत अलग-अलग थी. मुगल अपनी तोपखाने और घुड़सवार सेना के लिए पहचाने जाते थे, वहीं विजयनगर अपनी पैदल सेना, युद्ध हाथी और नौसैनिक शक्तियों के लिए काफी मशहूर था.जिस तरफ विजयनगर साम्राज्य ने क्षेत्रीय शक्ति और सांस्कृतिक गौरव को दर्शाया वहीं मुगलों ने भारत में नए युग की युद्ध तकनीक की शुरुआत की.

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