World Highest Bailey Bridge: लद्दाख के कठोर और मनमोहक परिदृश्य में जहां पर तापमान अपनी चरम सीमा पर पहुंच जाता है और हवा में ऑक्सीजन की भी कमी हो जाती है, 1982 में भारतीय सेना ने एक ऐसी इंजीनियरिंग उपलब्धि हासिल की थी जिसने वैश्विक मान्यता को प्राप्त किया. दरअसल सेना ने खारदूंग ला में दुनिया का सबसे ऊंचा बेली ब्रिज बनाया था. यह समुद्र तल से 5602 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. इस ब्रिज ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना स्थान बनाया है.
ब्रिज को बनाने की जरूरत क्यों पड़ी
लद्दाख न सिर्फ भौगोलिक रूप से काफी मुश्किल भरा क्षेत्र है बल्कि रणनीतिक रूप से भी काफी ज्यादा जरूरी है. 1980 के दशक की शुरुआत में भारतीय सेना को ऊंचाई वाले सैन्य क्षेत्र में सैनिकों, उपकरणों और जरूरी आपूर्ति को ले जाने के लिए एक रास्ते की जरूरत थी. जो पुराने रास्ते थे वह मौसम और भूभाग की वजह से धीमे, अविश्वसनीय और असुरक्षित भी थे.
खारदूंग ला पर जब इस ब्रिज को बनाया गया तो यह एक महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग बन गया. ऐसे इलाके में जहां गतिशीलता सीधे रक्षा तैयारी को प्रभावित करती थी इस ब्रिज ने भारत की रणनीतिक स्थिति को मजबूत किया.
कैसे पूरा हुआ निर्माण
इस पुल का निर्माण अगस्त 1982 में हुआ था. यह बेली ब्रिज प्रणाली पर आधारित था. यानी यह एक पोर्टेबल, पूर्व निर्मित ट्रस ब्रिज था जो मॉड्यूलर स्टील और लकड़ी के पैनल से बना होता है. बेली ब्रिज का फायदा यह है कि इसे बड़ी क्रेन या फिर भारी मशीनरी के बिना जोड़ा जा सकता है.
पुल के पुर्जों को ट्रक में सिर्फ कुछ निश्चित स्थान तक ही पहुंचाया जाता था और वहां से कई पुर्जों को कम ऑक्सीजन और ठंडे मौसम में काम करने वाले सैनिकों द्वारा खुद ले जाकर स्थापित करना पड़ता था. ऐसी परिस्थितियों के बावजूद भी इस पुल का निर्माण काफी जल्दी और सटीकता के साथ किया गया.
मजबूत और टिकाऊ
जैसे ही यह ब्रिज बनकर पूरा हो गया, यह ब्रिज भारी सैन्य परिवहन वाहनों और यहां तक के टैंकों को भी ढोने के लिए तैयार था. सालों तक यह लद्दाख की पहाड़ी सड़कों के रणनीतिक नेटवर्क में एक जीवन रेखा के रूप में काम करता रहा. बाद में उस जगह पर एक नया पुल बना दिया गया.
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