भारत में मांसाहारी और शाकाहारी लोगों को लेकर बहस हमेशा जारी रहती है. अभी हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खुले में मांस ब्रिकी पर रोक लगाया है. जिसके बाद से वो लगातार सुर्खियों में है. लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि देश में नॉनवेज खाने का आंकड़ा कितना तेजी से बढ़ रहा है और किन राज्यों में कितने लोग नॉनवेज खाते हैं. 


90% लोग मांसाहारी


सरकारी आंकड़ों की बात करें तो राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे में बताया गया है कि 16 राज्यों में लगभग 90 प्रतिशत लोग मीट मछली या चिकन खाते हैं. वहीं चार राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में यह आंकड़ा 75-90 प्रतिशत तक है. सर्वे के मुताबिक पांच राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में 50 से 75 प्रतिशत लोग नॉनवेज खाते हैं. राज्यों की अगर बात करें तो पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा 99.3 फीसदी लोग मांसाहारी हैं. वहीं इसके बाद नागालैंड 99.08 % तेलंगाना में 97.3% लोग मांसाहारी है.


जानिए किस राज्य में कितने लोग मांसाहारी


पश्चिम बंगाल – 99.3% 
नागालैंड- 99.08 
तेलंगाना – 97.3%
आंध्र प्रदेश – 97.3%
तमिलनाडु – 97.7%
ओडिशा – 96.4%
केरल – 98.1%
झारखंड – 95.3%
असल – 78.6
बिहार – 90%
कर्नाटक – 83%
दिल्ली – 81 %
उत्तर प्रदेश - 55% 
मध्य प्रदेश - 51%
महाराष्ट्र - 59% 
राजस्थान – 26.8 %
गुजरात – 39.9 
गोवा – 3 % 


बता दें कि पूर्वोत्तर में सिक्कम को छोड़कर कोई ऐसा राज्य नहीं है जहां मांसाहरी के आंकड़े 99 से कम हो. जानकारी के मुताबिक प्यू रिसर्च इंस्टीट्यूट ने इसे लेकर एक सर्वे किया था. जिसमें बताया गया था कि किस धर्म के लोग कितना नॉनवेज खाते हैं. इस सर्वे के नतीजो में बताया गया था कि करीब 92 फीसदी जैन समुदाय के लोगों ने ये माना कि वो नॉनवेज नहीं खाते हैं और पूरी तरह शाकाहारी है. वहीं सिर्फ 8 फीसदी मुस्लिम ऐसे थे, जिन्होंने कहा कि वो नॉनवेज नहीं खाते हैं. क्रिश्चियन समुदाय के 10 फीसदी लोग ही वेजिटेरियन हैं. सर्वे के मुताबिक हिंदू समुदाय में शामिल अलग-अलग जातियों के लोगों में 44 फीसदी लोग शाकाहारी हैं और बाकी के 56 फीसदी नॉनवेजिटेरियन की कैटेगरी में आते हैं. 



अलग-अलग मांस का सेवन


सर्वे में बताया गया है कि अलग-अलग धर्म के लोग मांस को लेकर भी अलग सोच रखते हैं. जैसे हिंदू समुदाय के ज्यादातर लोग बीफ को अपने नॉनवेज खाने में शामिल करना पसंद नहीं करते हैं, प्यू रिसर्च के सर्वे में बताया गया है कि 72 फीसदी ऐसे हिंदू हैं जो ये मानते हैं कि अगर कोई बीफ का सेवन करता है तो वो हिंदू नहीं हो सकता है. वहीं 77 फीसदी मुस्लिम मानते हैं कि सुअर का मीट खाने वाले मुस्लिम नहीं हो सकते हैं. बता दें कि बीफ खाने को लेकर जैसे हिंदुओं की मान्यता है, वैसे ही सिख, जैन और बौद्ध धर्म के लोग भी सोचते हैं.


 


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