घूमना किसको नहीं पसंद होता है. आने वाली गर्मियों की छुट्टियों का प्लान लोगों ने अभी से करना शुरू कर दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया सबसे खतरनाक टूरिस्ट प्लेस कौनसा है और इसको सबसे खतरनाक टूरिस्ट प्लेस क्यों कहते हैं. आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताएंगे.


अंटार्कटिका महाद्वीप 


बता दें कि अंटार्कटिका महाद्वीप इस धरती पर मौजूद सभी सात महाद्वीपों में सबसे ठंडा है. इसका 98 फीसदी हिस्‍सा 12 महीने बर्फ की मोटी चादर से ढका रहता है. इसके अलावा ज्‍यादातर लोग इस जगह के बारे में जानना चाहते हैं. हालांकि अंटार्कटिका के टूर पर जाना आसान काम नहीं है. क्योंकि अंटार्कटिका महाद्वीप को दुनिया का सबसे खतरनाक पर्यटन स्‍थल कहा जाता है.


दक्षिणी ध्रुव पर मौजूद इस महाद्वीप में तेज बर्फीली हवाएं चलती हैं. अंटार्कटिका पर करीब 2 किमी मोटी बर्फ की चादर फैली हुई है. बता दें कि अंटार्कटिका को दुनिया का आखिरी छोर भी कहा जाता है. यहां पर ब्‍लड को भी जमा देने वाली ठंड के बावजूद इस महाद्वीप पर घूमने लायक कई पर्यटन स्‍थल हैं. बता दें कि अंटार्कटिका महाद्वीप दुनिया में अकेली जगह है, जहां छह महीने दिन और छह महीने रात रहती है. यहां सर्दी और गर्मी के केवल दो मौसम ही होते हैं.


6 महीने अंधेरा


अंटार्कटिका महाद्वीप पर गर्मियों में लगातार छह महीने उजाला रहता है. वहीं सर्दियों में छह महीने तक हर तरफ अंधेरा छाया रहता है. अंटार्कटिका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी का नाम विंसन पर्वतमाला है. करीब 4,892 मीटर ऊंची इस चोटी को विंसन मैसिफ भी कहते हैं. बता दें कि कि पद्मश्री डॉ. अरुणिमा सिन्हा इस पर्वत की चोटी पर भारतीय ध्वज फहरा चुकी हैं. यह चोटी पर्वतारोहियों को काफी आकर्षित करती है.


अंटार्कटिका में कौन सी जगहें घूमने लायक


दक्षिणी ध्रुव पर स्थित अंटार्कटिका महाद्वीप के उत्तरी भाग में अंटार्कटिका प्रायद्वीप है. ये प्रायद्वीप पर्यटन के लिहाज से सबसे अच्छी जगहों में से एक है. इस जगह को ‘हाउस ऑफ आइस फॉरेस्‍ट्स’ भी कहा जाता है. यहां की पर्वत चोटियां और विशाल ग्लेशियर लोगों का मन मोह लेते हैं. आपको यहां बड़ी संख्या में पेंगुइन देखने को मिल सकते हैं. इसके अलावा अंटार्कटिका में पर्यटन के लिहाजा से दक्षिण शेटलैंड द्वीप को भी काफी शानदार माना जाता है. बता दें कि  पूरी तरह से बर्फ से ढका यह द्वीप अंटार्कटिक प्रायद्वीप से 160 किमी उत्तर में है.


बता दें कि वैज्ञानिकों की इस महाद्वीप पर हमेशा नजर बनी रहती है. नेशनल स्‍नो एंड आइस डेटा सेंटर के मुताबिक फरवरी 2023 में अंटार्कटिका की 19.1 लाख वर्ग किमी बर्फ पिघल गई है. आंकड़ों के मुताबिक फरवरी 2022 में 19.2 लाख वर्ग किमी बर्फ पिघली थी. वैज्ञानिकों के मुताबिक अंटार्कटिका की बर्फ अब तेजी से पिघल रही है. साल 1979 से सैटेलाइट के जरिये अंटार्कटिका की स्थिति पर नजर रखी जा रही है.


पिछले कुछ साल में गर्मियों का मौसम तेजी से बढ़ने के कारण यहां बहुत ज्‍यादा बर्फ पिघलती हुई नजर आ रही है. डाटा सेंटर के वैज्ञानिकों के मुताबिक सिर्फ जलवायु में हो रहे बड़े बदलाव अंटार्कटिका में बर्फ पिघलने का कारण नहीं है. उनके अनुसार ग्लोबल वार्मिंग भी इसकी बड़ी वजह हो सकती है. 


ये भी पढ़ें: Basmati Rice: कौनसा है वो चावल, जिसे लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही है जंग