बिहार की राजधानी पटना से लगभग 100 किलोमीटर दूर मोकामा में गुरुवार को चुनाव प्रचार के दौरान खून-खराबा हो गया. जन सुराज पार्टी के स्थानीय उम्मीदवार और पहले गैंगस्टर से नेता बने दुलारचंद यादव को गोली मार दी गई. पुलिस के मुताबिक, दुलारचंद यादव बिहार की राजनीति में कई बड़े नेताओं के करीबी माने जाते थे. मोकामा में उन्हें खासतौर पर लालू प्रसाद यादव का भरोसेमंद आदमी माना जाता था. घटना के वक्त वह चुनाव प्रचार कर रहे थे और उनकी हत्या का आरोप अनंत सिंह के समर्थकों पर लगा है.
दुलारचंद और अनंत सिंह के बीच काफी पुरानी खटास रही है. 1990 में दुलारचंद ने अनंत सिंह के भाई, दिलीप सिंह के खिलाफ भी चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत नहीं पाए थे. पिछले कुछ दिनों से दोनों के बीच बात-बात पर बहस और जुबानी लड़ाई चल रही थी. आइए जान लेते हैंकि आखिर मोकामा में कितने हिंदू और मुस्लिम हैं.
मोकामा की आबादी का पूरा हाल
मोकामा नगर परिषद शहर में कुल 9742 परिवार रहते हैं. यहां की कुल आबादी 60,678 है, जिसमें 32,277 पुरुष और 28,401 महिलाएं हैं. यानी प्रति 1000 पुरुषों पर महिलाएं सिर्फ 880 हैं. यह थोड़ा चिंताजनक आंकड़ा है, खासकर तब जब बच्चों की आबादी पर नजर डालते हैं. 0-6 साल की उम्र के बच्चों की संख्या 8995 है, जिसमें 4813 लड़के और 4182 लड़कियां हैं. यानी चाइल्ड सेक्स रेश्यू केवल 869 है, जो औसत सेक्स रेशियो से भी कम है.
हिंदू-मुस्लिम आबादी कितनी?
मोकामा में हिंदू आबादी 57,243 है, जो कुल आबादी का 94.34% बनाती है. वहीं मुस्लिम आबादी सिर्फ 3,099 यानी 5.11% है. इसका मतलब शहर के ज्यादातर इलाके हिंदू बाहुल हैं, और मुस्लिम आबादी छोटी संख्या में रहती है. ये आंकड़े न सिर्फ जनसांख्यिक तथ्य बताते हैं, बल्कि शहर के सामाजिक ताने-बाने को भी उजागर करते हैं.
साक्षरता दर कितनी है?
मोकामा की साक्षरता दर 72.8% है, जो पटना जिले के औसत 70.7% से थोड़ी ज्यादा है. पुरुष साक्षरता दर 80.39% है, जबकि महिलाओं की साक्षरता 64.17% है. यह आंकड़ा दर्शाता है कि महिलाओं को शिक्षा में अभी भी पीछे रहना पड़ रहा है. बच्चों की शिक्षा और लिंग अनुपात पर यह असर डाल सकता है.
अन्य दिलचस्प तथ्य
मोकामा सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि आंकड़ों की कहानी है. यहां हिंदू बहुलता, कम मुस्लिम आबादी, लिंग अनुपात की चुनौती और साक्षरता दर के अंतर ने इसे विशेष बना दिया है.
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