राज्यसभा चुनावों के लिए आज यानी 27 फरवरी को मतदान जारी है. बता दें कि 3 राज्यों की 15 सीटों पर के लिए ये मतदान हो रहे हैं. जिसमें उत्तर प्रदेश की 10, कर्नाटक की 4 और हिमाचल प्रदेश की एक सीट शामिल हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि राज्यसभा चुनाव में एक विधायक कितने वोट डाल सकता है, आखिर राज्यसभा सांसद को कैसे चुना जाता है. जानिए राज्यसभा चुनाव का पूरा गणित. 


राज्यसभा चुनाव


बता दें कि लोकसभा की तुलना में राज्यसभा की चुनाव प्रक्रिया अलग होती है. इस बार राज्यसभा की 56 सीटें खाली हुई हैं. इनमें उत्तर प्रदेश की 10, महाराष्ट्र और बिहार की 6-6, पश्चिम बंगाल तथा मध्य प्रदेश की 5-5, गुजरात तथा कर्नाटक की 4-4, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और ओडिशा की 3-3 और उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश की एक-एक सीट शामिल है. हालांकि इन 56 में से 41 सीटों पर तो उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं, लेकिन 3 राज्यों की 15 सीटों पर आज चुनाव हो रहा है. 


आखिर कैसे पड़ता है वोट 


राज्यसभा के चुनाव में राज्य की विधानसभा के सदस्य यानी विधायक वोट डालते हैं. राज्यसभा चुनाव के लिए कोई सीक्रेट वोटिंग नहीं होती है. राज्यसभा का चुनाव ओपन बैलट सिस्टम से होता है. बता दें कि इसमें ईवीएम का भी प्रयोग नहीं होता है. इसमें विधायकों को एक कागज दिया जाता है, जिसमें हर उम्मीदवार के नाम के आगे एक से चार तक का नंबर लिखा होता है. वहीं विधायकों को वरीयता के आधार पर उसपर निशान लगाना होता है. वहीं प्रत्येक दल के एमएलए को अपना वोट बैलेट बॉक्स में डालने से पहले दल के अधिकृत एजेंट को दिखाना होता है. यदि एक एमएलए अपने दल के अधिकृत एजेंट के अलावा किसी और एजेंट को मतपत्र दिखाता है, तो वह वोट अमान्य हो जाता है. इसके अलावा यदि वह अपने दल के एजेंट को मतपत्र नहीं दिखाता है तो भी वोट रद्द हो जाता है.


राज्यसभा चुनाव में निर्वाचन की प्रक्रिया?


संविधान के अनुच्छेद 80 (4) के मुताबिक राज्यसभा के सदस्यों का निर्वाचन राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत एकल संक्रमणीय मत के आधार पर होता है. एकल संक्रमणीय मत प्रणाली में वोटर एक ही वोट देता है. हालांकि वह कई उम्मीदवारों को अपनी प्राथमिकता के आधार पर अपनी वरीयता तय करता है.


 


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