आपने अरबों-खरबों की संपत्ति वाले लोगों के नाम सुने होंगे, जैसे- एलन मस्क, जेफ बेजोस, या बिल गेट्स. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन सभी से भी कहीं ज्यादा अमीर एक राजा 700 साल पहले धरती पर राज करता था? इस राजा की दौलत का अंदाजा लगाना आज भी असंभव माना जाता है. यह वह इंसान था जो चलते-चलते सोना लुटा देता था, और जिसकी एक यात्रा ने एक पूरे देश की अर्थव्यवस्था को तहस-नहस कर दिया था. उस राजा का नाम था मनसा मूसा, माली साम्राज्य का महान शासक था. चलिए इनके बारे में जानते हैं.
कितने किलो निकलता था सोना ?
मनसा मूसा का जन्म साल 1280 में हुआ था. उस समय पश्चिम अफ्रीका का माली साम्राज्य सोने की खान माना जाता था. इतिहासकारों के मुताबिक, जब मूसा गद्दी पर बैठे, तो माली हर साल लगभग 1000 किलो सोना निकालता था. उनके शासन का विस्तार सिर्फ माली तक सीमित नहीं था, उनका साम्राज्य मॉरीटानिया, सेनेगल, गांबिया, गिनी, बुर्किना फासो, नाइजर, चाड और नाइजीरिया तक फैला हुआ था. ब्रिटिश म्यूजियम की रिपोर्ट के अनुसार, वे दुनिया के आधे सोने के मालिक थे.
जब सोने से ढक गई काबा की धरती
अमेरिकी वेबसाइट Celebrity Net Worth के अनुमान की मानें तो मनसा मूसा की संपत्ति लगभग 400 अरब डॉलर के बराबर थी. यानी उस वक्त में अकेले इस राजा के पास इतनी संपत्ति थी. लेकिन इस राजा को सिर्फ उसकी अमीरी ने नहीं, बल्कि उसकी दानवीरता ने भी अमर बना दिया. कहते हैं कि जब वह मक्का की यात्रा (हज) पर जा रहे थे, तो उनके साथ 100 से अधिक ऊंटों पर सोना लदा हुआ था.
काहिरा में बांटा सोना
उनके साथ लगभग 500 लोग सोने की 500 छड़ियां लेकर चलते थे. रास्ते में जब वह मिस्र के काहिरा पहुंचे, तो उन्होंने इतना सोना बांट दिया कि वहां की अर्थव्यवस्था डगमगा गई. काहिरा में अचानक सोने की कीमतें गिर गईं और अगले कई दशकों तक मिस्र की आर्थिक स्थिति अस्थिर रही.
अफ्रीकी स्वर्ण नगर
इतिहासकारों ने लिखा है कि मनसा मूसा की यात्रा किसी धार्मिक यात्रा से कम नहीं बल्कि एक चलती-फिरती सोने की बरसात जैसी थी. उन्होंने मक्का पहुंचने के बाद भी गरीबों को खूब सोना दान किया. कहा जाता है कि उन्होंने अपने शासनकाल में स्कूल, मस्जिदें और विश्वविद्यालय बनवाए और शिक्षा तथा कला को बढ़ावा दिया. माली की राजधानी टिंबकटू को उन्होंने व्यापार और ज्ञान का केंद्र बना दिया, जिसे उस दौर का अफ्रीकी स्वर्ण नगर कहा जाने लगा था.
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