छठ महापर्व आज यानी 25 अक्टूबर से नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया है. चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में श्रद्धालु सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करते हैं. व्रत रखने वाले व्रती 36 घंटे तक निर्जला उपवास करते हैं और अस्त होते सूर्य के साथ उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. वहीं बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली और मुंबई तक इस पर्व की भव्यता देखते ही बनती है. देश के कई बड़े घाटों पर इस त्योहार को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. ऐसे में चलिए आज हम आपको भारत के सबसे बड़े छठ घाटों के बारे में बताते हैं.
तोरवा छठ घाट छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर का तोरवा छठ घाट देश का सबसे बड़ा स्थाई छठ घाट माना जाता है. अरपा नदी के किनारे बना यह घाट साढ़े सात एकड़ में फैला हुआ है. जहां एक साथ करीब 1 लाख श्रद्धालु सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर सकते हैं. यहां पूजा और अर्घ्य देने के लिए विशेष बेदियां बनाई जाती है.
बेलाउर और अरघौती घाट बिहार
बिहार के आरा जिले का बेलाउर घाट अपनी प्राचीनता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है. यहां सूर्य देव का ऐतिहासिक मंदिर स्थित है, जिसे भगवान भास्कर की नगरी कहा जाता है. माना जाता है कि यहां के राजा ने कभी 52 तालों को निर्माण करवाया था, जिनमें से एक के बीच में सूर्य मंदिर स्थापित किया गया था. यही कारण है की छठ के दौरान यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. वहीं शेखपुरा का अरघौती घाट भी बिहार के पुराने और सबसे प्रसिद्ध घाटों में से एक है. यहां हर साल हजारों लोग पारंपरिक तरीके से छठी मैया और सूर्य देव को अर्घ्य देने पहुंचते हैं. स्थानीय प्रशासन की ओर से यहां हर साल सुरक्षा को लेकर खास व्यवस्था की जाती है.
जुहू चौपाटी, मुंबई
महानगर मुंबई में भी छठ पूजा का उत्साह कम नहीं रहता है. जुहू चौपाटी छठ के मौके पर हजारों श्रद्धालुओं से भर जाती है. समुद्र किनारे सूर्य को अर्घ्य देने का यह नजारा बहुत खूबसूरत लगता है. इसके अलावा वर्सोवा बीच, पवई झील और दादर चौपाटी पर भी छठ का उत्साह देखने लायक होता है.
द्वारका घाट, दिल्ली
राजधानी दिल्ली में द्वारका सेक्टर 11 में छठ के दौरान कई घाट तैयार किए जाते हैं. यहां न केवल दिल्ली-एनसीआर बल्कि देश-विदेश से श्रद्धालु पूजा करने आते हैं. यमुना घाट, कालिंदी कुंज और आईटीओ घाटों पर भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने लगती है.
वाराणसी और प्रयागराज के घाट
उत्तर प्रदेश के वाराणसी और प्रयागराज के घाटों पर छठ पूजा का नजारा हर साल भव्यता का अनुभव करता है. अदालत घाट, अस्सी घाट और दशाश्वमेध घाट पर हजारों व्रती सूर्य को अर्घ्य देते हैं. वहीं प्रयागराज के संगम तट पर गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में डूबते दीप छठ की आस्था का अद्भुत नजारा पेश करते हैं.
कोलकाता और झारखंड के घाट
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में छठ पूजा का मुख्य आयोजन बाबू घाट और रवींद्र सरोवर झील के लिए किनारे होता है. यहां हजारों श्रद्धालु लोकगीत और दीपक की रोशनी के बीच पूजा करते हैं. वहीं झारखंड के जमशेदपुर में सुवर्णरेखा नदी के तट पर आस्था का अलग ही नजारा देखने को मिलता है.
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